Monday, December 22, 2025
No menu items!
.
HomeBihar Newsअरावली पर सियासत: सरकार बोली- पीएम के नेतृत्व में संरक्षण हुआ तेज,...

अरावली पर सियासत: सरकार बोली- पीएम के नेतृत्व में संरक्षण हुआ तेज, कांग्रेस ने पर्यावरण संकट पर सरकार को घेरा

दिल्ली और एनसीआर से जुड़ी अरावली पहाड़ियों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। केंद्र सरकार और कांग्रेस आमने-सामने हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘ग्रीन अरावली मूवमेंट’ को मजबूती मिली है और अरावली से जुड़े संरक्षण के काम तेजी से आगे बढ़े हैं। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नए आदेशों से पूरे क्षेत्र का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ सकता है।

अरावली विवाद पर बयान देते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि 2014 में देश में केवल 24 रामसर साइट थीं, जो अब बढ़कर 96 हो गई हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के कार्यकाल में अरावली क्षेत्र से जुड़े सुल्तानपुर, भिंडावास, असोला, सिलिसेढ़ और सांभर जैसे स्थलों को रामसर सूची में शामिल किया गया। उनके मुताबिक, अदालत के फैसलों में भी अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण और संरक्षण के लिए खास तौर पर दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान में कदम उठाने की बात कही गई है।

सरकार की पहल गिनाईं

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अरावली को हरा-भरा बनाने के साथ-साथ ‘ग्रीन इंडिया मिशन’ के तहत कई योजनाएं चलाई गईं। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। इसके अलावा गुरुग्राम में 10 हजार एकड़ भूमि को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए आरक्षित किया गया है। गुरुग्राम के 750 एकड़ से अधिक क्षेत्र में खराब हो चुके जंगलों को ग्रीन क्रेडिट के जरिए फिर से विकसित किया गया है।

ये भी पढ़ें-Goa Nightclub Fire:लूथरा बंधुओं की पुलिस हिरासत पांच दिन बढ़ी, पुलिस को जांच के लिए मिला अतिरिक्त समय

खनन पर सफाई

भूपेंद्र यादव ने कुछ वरिष्ठ नेताओं के ट्वीट्स को भ्रामक बताया। उन्होंने साफ कहा कि एनसीआर क्षेत्र में किसी भी तरह का खनन पूरी तरह प्रतिबंधित है। मंत्री ने दो टूक कहा कि नए खनन की कोई अनुमति नहीं दी जा रही है और इस तरह के दावे पूरी तरह गलत हैं। उनके मुताबिक, सरकार की प्राथमिकता अरावली के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने की है।

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर अरावली से जुड़ा नया आदेश लागू हुआ तो इस पूरे क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन, कई राज्यों और आधे हिंदुस्तान पर असर पड़ेगा। पवन खेड़ा के मुताबिक, अरावली पर्वत श्रृंखला थार मरुस्थल से आने वाली रेत को रोककर दिल्ली, हरियाणा और पूरे इलाके की खेती और जीवन को बचाती है।

पवन खेड़ा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अरावली को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी कदम देश और क्षेत्र के खिलाफ माना जाएगा। उनका कहना है कि अरावली से छेड़छाड़ का सीधा असर पर्यावरण, जल स्रोतों और खेती पर पड़ेगा। इस तरह अरावली पहाड़ियों को लेकर एक तरफ सरकार संरक्षण के दावे कर रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बता रहा है।

अन्य वीडियो-

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments