BLN- अब कोरोना की खैर नहीं क्योकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए DRDO के वैज्ञानिकों ने दवाई का ईज़ाद कर लिया है। जी हाँ आपने बिल्कुल ठीक हीं पढ़ा। दुनिया की पहली एंटि कोविड ड्रग 2-DG का आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले 10000 बैच के साथ विधिवत लोकार्पण भी कर दिया है।
2-DG – 2 Deoxy-D-Glucose
2-deoxy-D-glucose यानि की 2-DG दवा DRDO के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई है। इस दवा को DRDO के ही एक अंग के रूप में कार्य करने वाले INMAS द्वारा विकसित किया गया है, इसके साथ हीं इसमे हैदराबाद के डॉ रेड्डीज लैबोरेटरी (डीआरएल) के शोधकर्ताओं का भी योगदान है।
2-DG दवा का प्रोडक्सन डॉ रेड्डीज लैब के द्वारा हीं किया जाएगा। यह दवा एक पाउडर के रूप मे उपलब्ध रहेगी। मरीजों को बस पाउच खोलना है और पानी में मिलाकर पी लेना है, जैसे ORS के घोल को पिया जाता है ठीक वैसे हीं।
3 फेज के ट्रायल के बाद 2-DG को एंटि कोविड ड्रग के रूप में मिली मंजूरी
DRDO के शोधकर्ताओं ने पिछले साल हीं इस दवा पे काम करना आरंभ कर दिया था। 2020 के मई महीने में DCGI (ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया) ने इस दवा का कोविड मरीजों पर फेज 2 के ट्रायल के लिए मंजूरी प्रदान की। यह ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा।
2nd फेज के सफल ट्रायल के बाद DCGI ने नवम्बर 2020 में 2-DG दवा के लिए तीसरे ट्रायल को मंजूरी दी और अंततः इससे प्राप्त डेटा के आधार पर 9 मई 2021 को DCGI ने कोरोना मरीजों के लिए इस दवा के आपातकालीन प्रयोग को स्वीकृति प्रदान कर दी।
फिलहाल 2-DG दवा को सेकेन्डरी दवा के रूप में प्रयोग करने की इजाजत दी गई है इसका मतलब है की अब तक कोरोना के इलाज़ के लिए जो दवाएं दी जा रही थी वह तो दी हीं जाएंगी लेकिन उसके साथ 2-DG दवा भी दी जाएगी
जानकार बता रहे हैं की यहा दवा ग्लूकोज से काफी हद तक मिलती जुलती है लेकिन यह ग्लूकोज है नहीं। इसके काम करने का तरीका लगभग वैसा हीं है जैसा कि ग्लूकोज के काम करने का तरीका है।
2-DG कैसे रोकेगी शरीर में कोरोना का संक्रमण
कोरोना का वायरस जब शरीर के अंदर पहुंचता है तब वह तेज गति से अपनी संख्या को बढ़ाना स्टार्ट करता है, इसके लिए वायरस को ऊर्जा कि जरूरत होती है जो वह शरीर में मौजूद ग्लूकोज से प्राप्त करता है।
जब कोरोना मरीज को कोरोना कि यह नई दवा दी जाएगी तब मरीज के शरीर के अंदर मौजूद कोरोना वायरस इसे ग्लूकोज समझकर ग्रहण करने का प्रयास करेगा और उसी में फस कर रह जाएगा। इसके कारण वायरस शरीर के अंदर अपनी संख्या में इजाफा नहीं कर सकेगा।
क्या 2-DG कोरोना के सभी वेरियंट पर प्रभावी होगा
इस प्रश्न के जवाब में INMAS के निदेशक डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि 2 डीजी अपनी कॉपी बनाने वाले या अपनी संख्या बढ़ाने वाले वायरस को कैद कर लेती है। वायरस का कोई भी वैरिएंट हो उसे खाने कि जरूरत तो पड़ेगी हीं और जैसे हीं वह अपनी भूख मिटाने के लिए आगे बढ़ेगा यह दवा उसे फंसा कर वहीं रोक देगी।
INMAS के वैज्ञानिक डॉ सुधीर चंदना ने बताया कि 2-DG दवा को कोरोना के मरीज वैसे हीं ले सकेंगे जैसे ORS को पानी में घोलकर लिया जाता है। दवा दिन में 2 बार लेनी होगी। कोरोना मरीजों को पूरी तरह से ठीक होने के लिए 5 से 7 दिनों तक यह दवा दी जा सकती है।