बिहार में सियासी पारा हर दिन चढ़ता ही जा रहा है और इस बीच अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ बक्सर की धरती पर पहुंच चुका है। गंगा के किनारे बसी इस जमीनी सियासत में जनता की आवाज़ सबसे बड़ी ताकत है। आज, 12 अक्टूबर की सुबह, टीम ने बक्सर के मतदाताओं से खुलकर बातचीत की। चाय की प्याली पर चर्चा के दौरान आम लोगों ने अपनी राय साझा की, वहीं दोपहर में युवाओं से मिलकर चुनावी मुद्दों और वोटिंग रुझानों को समझा गया। किसके पक्ष में बह रही है हवा? जनता की उम्मीदें और सवाल क्या हैं? जानिए अमर उजाला के चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ से, जहां हर राय, हर सवाल और हर उम्मीद बन रही है इस चुनावी कहानी का अहम हिस्सा।
‘स्कूल-कॉलेज अच्छे होने चाहिए’
बक्सर की रहने वाली सोनाली ने कहा, ‘मैं SSC की तैयारी कर रही हूं। सरकारी नौकरी हासिल करने के बाद कोई भी आर्थिक समस्या नहीं आएगी।’ सोनाली ने कहा, “मैं चाहती हूं कि बक्सर में शिक्षा पर और ध्यान दिया जाए। यहां अच्छे स्कूल और कोचिंग सेंटर खुलें, ताकि हमें सरकारी नौकरी की तैयारी करने में आसानी हो।” आईआईटी की तैयारी कर रही मुस्कान ने कहा, “मैं सरकारी कॉलेज में ही एडमिशन लेना चाहती हूं, क्योंकि वहां से पढ़ने पर नौकरी मिलने की संभावना ज्यादा रहती है।” उन्होंने आगे कहा, “बक्सर में स्कूल और कॉलेज और बेहतर होने चाहिए।”
‘2005 के बाद बदलाव जरूरी है’
UPSC की तैयारी कर रहे विक्की गुप्ता ने कहा, “हम यहीं से तैयारी कर रहे हैं क्योंकि अब ऑनलाइन नोट्स आसानी से मिल जाते हैं।” NDA की तैयारी कर रहे राज गुप्ता ने कहा, “सरकार को शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, इससे किसानों को भी फायदा होगा।” एक अन्य छात्र ने कहा, “बिहार से लोग पलायन कर रहे हैं। अगर यहां उद्योग होते, तो लोग बाहर काम करने नहीं जाते। यहां पेपर लीक को लेकर विरोध भी चल रहा है। हम चाहते हैं कि इस बार चेहरा बदले, 2005 के बाद अब बदलाव जरूरी है।”



