भारतीय जनता पार्टी इस बार बड़े प्रयोग के साथ आई है। एक बड़ा प्रयोग बेगूसराय में किया है और दूसरा पटना में। बेगूसराय में प्रयोग का विरोध केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कर चुके हैं, जहां भाजपा ने अपने लिए सिर्फ दो सीटें रखीं और हजार से कम अंतर से हारी सीट भी सहयोगी चिराग पासवान को दे दी। इधर, पटना में एक सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री को मौका दिया है। सात बार के विधायक और मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष को बेटिकट कर दिया। जातीय जनगणना रिपोर्ट को देखकर कायस्थों को छांटने की आशंका भी यहां सही साबित की गई। इसके अलावा, बड़ी बात यह कि अपेक्षाकृत नए चेहरों को मौका दिया गया है।
दानापुर : रामकृपाल को मौका, रीत लाल से भिड़ेंगे
भारतीय जनता पार्टी ने पटना की दानापुर सीट पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को दी है। यहां से पिछली बार राजद के रीत लाल यादव ने भाजपा प्रत्याशी आशा देवी को 15924 मतों से हराया था। रामकृपाल यादव ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ कॅरियर की शुरुआत की थी। राजद में बिहार की राजनीति के बाद भाजपा से केंद्र तक का सफर तय किया। लोकसभा चुनाव 2024 में राजद प्रत्याशी और लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती ने रामकृपाल यादव को पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से हरा दिया था। हार के बावजूद रामकृपाल आदत के अनुसार लगातार क्षेत्र में मेलजोल कर रहे थे। अब उन्हें भाजपा ने दानापुर सीट से उतारा है।
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पटना साहिब : सात बार के विधायक बेटिकट
भारतीय जनता पार्टी ने पटना साहिब सीट से विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव का टिकट काट दिया। लगातार सात बार विधायक रहे नंद किशोर यादव ने पिछली बार इस सीट पर कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा को 18300 मतों से हराया था। इस सीट पर भाजपा ने अधिवक्ता और अपने युवा पदाधिकारी रत्नेश कुमार कुशवाहा को उतारा है। रत्नेश भाजपा के प्रदेश सचिव हैं। बिहार भाजपा में लोकसभा प्रभारी रहे हैं। प्रदेश अनुशासन समिति के सदस्य और भाजपा जल प्रबंधन मंच के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं। वह पटना महानगर भाजपा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं और कार्यसमिति सदस्य भी।
कुम्हरार : कायस्थ बहुल सीट से गुप्ता को मौका
भाजपा ने कुम्हरार सीट के विधायक अरुण कुमार सिन्हा को भी बेटिकट कर दिया। अरुण सिन्हा ने पिछली बार राजद के धर्मेंद्र कुमार को 26463 मतों से हराया था। बिहार की जातीय जनगणना में कायस्थों की संख्या बहुत कम दिखाए जाने के बाद से यह माना जा रहा था कि भाजपा यह सीट जरूर किसी दूसरे को दे देगी। इसपर कभी मंगल पांडेय का नाम भी चला, लेकिन अंतिम तौर पर सूची में नाम आया युवा और कम पहचाने गए चेहरे संजय गुप्ता का। संजय गुप्ता पटना के जीडी पाटलिपुत्रा स्कूल और वाणिज्य महाविद्यालय के छात्र रहे हैं। बिहार भाजपा के प्रदेश सचिव, भारतीय जनता युवा मोचा्र के राज्य महासचिव भी रहे हैं।



