एशिया की ताकत का आकलन करने वाले लोवी इंस्टिट्यूट के ताजा एशिया पावर इंडेक्स में भारत ने बड़ी छलांग लगाई है। रिपोर्ट के अनुसार भारत अब ‘मेजर पावर’ कैटेगरी में पहुंच चुका है और उसने तीसरा स्थान हासिल किया है। यह बढ़त भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता, आर्थिक मजबूती और हाल में हुए ऑपरेशन सिंदूर के प्रदर्शन की वजह से मिली है। भारत ने जापान और रूस को पीछे छोड़ दिया है, हालांकि चीन और अमेरिका से अभी भी बड़ा अंतर बना हुआ है।
लोवी इंस्टिट्यूट के मुताबिक भारत ने इस साल 40 अंक हासिल किए हैं, जबकि 2024 में इसे 38.1 अंक मिले थे। इस बार भारत ने एशिया में तीसरी सबसे प्रभावशाली शक्ति के रूप में जगह बनाई है। पहले स्थान पर अमेरिका और दूसरे पर चीन अपनी स्थिति बनाए हुए हैं। जापान 38.8 अंकों के साथ चौथे और रूस 32.1 अंक लेकर पांचवें स्थान पर रहा। भारत की यह उछाल उसकी आर्थिक वृद्धि, सैन्य मूल्यांकन और क्षेत्रीय प्रभाव में मजबूती का संकेत देती है।
ऑपरेशन सिंदूर ने बढ़ाई सैन्य साख
रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि भारत की सैन्य क्षमता में सुधार देखा गया है। विशेषज्ञों की राय में यह उछाल खासतौर पर मई 2025 में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के सफल प्रदर्शन की वजह से आया। इस ऑपरेशन ने भारत के हालिया कॉम्बैट एक्सपीरियंस को मजबूत किया और दुनिया को इसके बेहतर सैन्य कौशल का संकेत दिया। इस वजह से भारत की कुल सैन्य रेटिंग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
NEW RESEARCH: The @LowyInstitute has today released the 2025 edition of the Asia Power Index, authored by @SusannahCPatton & @JackRSato, which measures resources and influence to rank the relative power of states in Asia.
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— The Lowy Institute (@LowyInstitute) November 25, 2025
आर्थिक रिश्तों में भारत आगे बढ़ा
इंडेक्स के अनुसार भारत आर्थिक संबंधों की कैटेगरी में नौवें स्थान पर पहुंच गया है। खास बात यह है कि भारत ने आवक निवेश के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा विदेशी निवेश आकर्षित करने वाला देश बन गया है। आर्थिक मोर्चे पर यह सुधार भारत की क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति को और मजबूत करता है तथा इसकी पावर स्कोर में सीधे योगदान देता है।
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रक्षा नेटवर्क में गिरावट
हालांकि रिपोर्ट में भारत की रक्षा साझेदारियों में कमजोरी भी उजागर हुई है। भारत रक्षा नेटवर्क कैटेगरी में दो स्थान नीचे गिरकर 11वें नंबर पर पहुंच गया है। इस सूची में फिलीपींस और थाईलैंड ने भारत को पीछे छोड़ दिया। इंडेक्स के अनुसार भारत को क्षेत्रीय रक्षा सहयोग और साझेदारियों को और मजबूत करने की आवश्यकता है। यह कमी भारत की पावर स्कोर में आगे और तेज बढ़त को सीमित करती है।



