Friday, December 5, 2025
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ABS: दोपहिया वाहन निर्माता एबीएस अनिवार्य करने की समय सीमा बढ़ाने की कर रहे हैं मांग, जानें वजह


भारत में दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियों ने केंद्र सरकार से सभी नए दोपहिया वाहनों पर एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) (एबीएस) अनिवार्य करने के फैसले को कुछ समय के लिए टालने की मांग की है। यह नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाला है, लेकिन वाहन निर्माता कंपनियों का कहना है कि इससे हाल में मिली बिक्री की रफ्तार और जीएसटी कटौती का फायदा खत्म हो सकता है।

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Hero Glamour Motorcycle
– फोटो : Hero Motocorp


नियमों पर फिर से विचार करने की मांग

देश की दो बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियां Hero MotoCorp (हीरो मोटोकॉर्प) और Honda Motorcycle and Scooter India (HMSI) (होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया) (एचएमएसआई) ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) से अपील की है कि एबीएस को सभी मोटरसाइकिलों पर अनिवार्य न किया जाए।

कंपनियों का कहना है कि जापान जैसे देशों में भी एबीएस सिर्फ 125cc से ऊपर की बाइक्स के लिए जरूरी है। जबकि इससे छोटी बाइक्स के लिए कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) पर्याप्त माना जाता है।

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Honda CB1000 Hornet SP
– फोटो : HMSI


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक बड़े टू-व्हीलर कंपनी के अधिकारी ने कहा, “जब जापान में 125cc से कम इंजन वाली बाइक्स पर एबीएस अनिवार्य नहीं है, तो भारत में इसे लागू करने की क्या जरूरत है? इससे इंडस्ट्री पर आर्थिक असर पड़ेगा और हाल में मिले जीएसटी राहत के फायदे बेकार हो जाएंगे।”

सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय इस प्रस्ताव पर इस महीने के आखिर तक फैसला ले सकता है।

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Bajaj Pulsar 125
– फोटो : Bajaj Auto


सरकार का उद्देश्य- सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाना

MoRTH के नए निर्देश के मुताबिक, सभी नई बाइक्स पर एबीएस लगाना जरूरी होगा, चाहे इंजन कितना भी छोटा क्यों न हो। सरकार का मानना है कि इससे अचानक ब्रेक लगने पर पहिया लॉक या स्किड होने की घटनाएं कम होंगी, जिससे सड़क हादसों में कमी आएगी।

हालांकि, ऑटो इंडस्ट्री का कहना है कि यह फैसला सेक्टर पर नकारात्मक असर डाल सकता है, क्योंकि भारत में बिकने वाली करीब 85 प्रतिशत मोटरसाइकिल 125cc से कम इंजन वाली हैं।

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Honda Shine 100
– फोटो : HMSI


निर्माताओं का तर्क

कंपनियों का कहना है कि छोटी बाइक्स पहले से सीबीएस के साथ आती हैं। जो उनके हिसाब से शहरों, गांवों और छोटे कस्बों में चलने वाली बाइक्स के लिए काफी प्रभावी और सुरक्षित है।

उनका कहना है कि एबीएस लगाने से वाहनों की कीमत 6,000 रुपये तक बढ़ सकती है। जिससे ग्रामीण और मध्यम वर्गीय खरीदारों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। खासकर वे लोग जो रोजमर्रा की यात्रा या रोजगार के लिए सस्ती बाइक्स पर निर्भर हैं।

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