यह पांच मुद्दें हैं, फ्री बीज (बिजली, अनाज, इलाज) रोजगार, पलायन, अपराध और भ्रष्टाचार। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत एनडीए के सभी वरिष्ठ मंत्री और नेता अपने भाषण में इन्हीं पांच मुद्दों के इर्द-गिर्द बातें करते हैं और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अपना संबोधन इन्हीं पांच मुद्दों के इर्द-गिर्द करते हैं। आइए जानते हैं इन पांच मुद्दों के बारे में…
1. अनाज, बिजली और इलाज सब मुफ्त
बिहार चुनाव में इस बार फ्री बीज का मुद्दा सबसे ज्यादा उछाला जा रहा है। एक ओर एनडीए मुफ्त बिजली, इलाज, और अनाज के मुद्दा बना रहे हैं। वहीं, तेजस्वी यादव चुनाव में जीत के बाद मुफ्त बिजली के यूनिट बढ़ाने और हर महिला को फ्री में 2500 रुपये देने की घोषणा कर चुके हैं। आइए जानते एनडीए ने क्या दिया क्या? और इंडिया गठबंधन ने क्या घोषणाएं की…
2. रोजगार
2020 के चुनाव के तरह इस चुनाव में भी रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। दोनों दलों का फोकस युवाओं पर है। 2020 से 2025 के बीच युवाओं को रोजगार के कई अवसर मिले। महागठबंधन की सरकार ने भी रोजगार और नौकरियां बांटी। वहीं एनडीए सरकार ने भी ऐसा ही किया।
3.अपराध
पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार समेत एनडीए के सभी नेता अपने हर भाषणों में एक कॉमन सवाल बिहार की जनता से यह जरूर पूछते हैं कि 2005 से पहले यानी लालू-राबड़ी राज में क्या हाल था? कोई शाम के बाद घर से नहीं निकलता था। अपराध चरण पर था। अब लोग 12 बजे रात को भी आराम से घर से निकलती हैं। लोग आज भी जंगलराज को याद करके दहशत में आ जाते हैं। 2005 से पहले माताएं-बहनें दहशत में रहती थीं।
4. पलायन
पलायन के मुद्दे पर एनडीए और इंडिया एक-दूसरे को घेरते रहा है। चुनाव से पहले एनडीए ने अब तक जितनी भी जनसभा की हैं, उनमें दावा किया है कि बिहार के लोग अब पलायन नहीं कर रहे हैं। वहीं इंडिया गठबंधन का दावा है कि पिछले 20 साल में सबसे ज्यादा पलायन हुआ। जनता भ्रष्टचार और बेरोजगारी से तंग आ गई है।
5. भ्रष्टाचार
बिहार चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी एनडीए और इंडिया के तरकश के प्रमुख तीरों में से एक है। एनडीए के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के मामले पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। महागठबंधन के साथ जब वह थे तो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही वह अलग हुए थे और एनडीए में जा मिले थे। हालांकि, हाल के दिनों में एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री जीवेश मिश्रा और मंत्री अशोक चौधरी समेत कई प्रमुख नेताओं को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरा है।



