बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद मधेपुरा में सियासी तापमान तेजी से बढ़ गया है। गुरुवार देर रात राष्ट्रीय जनता दल ने आखिरकार मधेपुरा सीट से प्रो. चंद्रशेखर के नाम पर मुहर लगा दी। टिकट की इस घोषणा के साथ ही पार्टी के भीतर विरोध के सुर तेज हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के बेटे शांतनु यादव को टिकट मिलने की चर्चा दो दिनों से चल रही थी। शुक्रवार को शांतनु यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
समर्थक बोले शांतनु यादव के साथ हुआ विश्वासघात
शांतनु यादव ने फेसबुक पर शरद यादव और तेजस्वी यादव के साथ एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि मेरे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र हुआ है। समाजवाद की हार हुई है। उनकी इस पोस्ट तरह तरह के कॉमेंट आ रहा है। उनके समर्थकों का कहना है कि शांतनु यादव के साथ विश्वासघात हुआ है। बता दें कि मधेपुरा सीट को लेकर 16 अक्टूबर की रात तक सस्पेंस बना रहा। दिनभर यह चर्चा थी कि शांतनु यादव को टिकट मिल चुका है, लेकिन देर रात पार्टी नेतृत्व ने अचानक प्रो. चंद्रशेखर को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे शांतनु समर्थकों में मायूसी देखने को मिल रहा है।
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इधर, जिले की बाकी तीन सीटों पर भी स्थिति पूरी स्पष्ट हो गई है। आलमनगर विधानसभा सीट अब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के खाते में चली गई है। इस सीट से पहले राजद ने इंजीनियर नवीन कुमार को उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन सीट वीआईपी को जाने के बाद अब ई. नवीन कुमार ही वीआईपी के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
बिहारीगंज से रेणु कुशवाहा को मिला टिकट
बिहारीगंज सीट से राजद ने डॉ. रेणु कुमारी कुशवाहा पर भरोसा जताया है, जबकि सिंहेश्वर (सुरक्षित) सीट से वर्तमान विधायक चंद्रहास चौपाल को दोबारा मौका दिया गया है। राजद के इस निर्णय के बाद मधेपुरा जिले की चारों विधानसभा सीटों पर समीकरण बदल गए हैं। एक ओर जहां राजद समर्थक प्रो. चंद्रशेखर की उम्मीदवारी को पार्टी की मजबूती बता रहे हैं, वहीं शांतनु यादव के समर्थक इसे समाजवादी परंपरा के साथ विश्वासघात बता रहे हैं।



