Monday, November 17, 2025
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Bihar Election: प्रत्याशी की नाम वापसी पर बिफरे प्रशांत किशोर; धर्मेंद्र प्रधान पर लगाया आरोप, तस्वीरें दिखाईं

प्रशांत किशोर के निशाने पर अब भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के नेता हैं। प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी के एक प्रत्याशी को बरगलाने, धमकाने, समझाने और दबाव देकर नामांकन वापस कराने का आरोप लगाया है। इस मुलाकात की तस्वीरें भी पीके ने जारी की है।प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत भाजपा नेताओं पर पार्टी के प्रत्याशियों को धमका कर और दबाव डालकर नामांकन वापस कराने का बड़ा आरोप लगाया है। आज सोमवार को शेखपुरा हाउस में प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर से जन सुराज प्रत्याशियों के नामांकन वापसी कराने को भाजपा का डर बताया।

उन्होंने कहा कि भाजपा की छवि बनी है कि कोई भी जीते, सरकार यही बनायेंगे। जन सुराज को अभी तक वोटकटवा पार्टी बोलने वाले भाजपा को अब सबसे ज़्यादा डर जन सुराज से ही लग रहा है। पहला केस दानापुर का है। यहां महागठबंधन से बाहुबली अपराधी नेता जेल से चुनाव लड़ते हैं। जनता ने इन बाहुबलियों से डर कर तय किया कि इस बार वहीं के व्यवसायी अखिलेश उर्फ़ मुकुल शाह को जन सुराज से टिकट दिलाया जाए। उन्होंने मनोज भारती जी के हाथ से सिंबल लिया लेकिन नामांकन करने नहीं पहुंचे। भाजपा वाले बताते रहे कि राजद के गुंडों ने उन्हें बंधक बना लिया है। लेकिन ये भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ थे। यह भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा है। एक साधारण व्यवसायी को देश का गृह मंत्री बुलाकर अपने पास बैठा ले रहा है। वह क्या कर सकेगा? चुनाव आयोग नहीं देख रहा है कि एक प्रत्याशी को गृह मंत्री समेत भाजपा के नेता घेरे हुए हैं। हम चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे।

बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान पर पीके ने लगाया यह आरोप

प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव प्रभारीधर्मेंद्र प्रधान के साथ बक्सर के ब्रह्मपुर उम्मीदवार डॉ सत्य प्रकाश तिवारी की तस्वीर जारी की। कहा कि ब्रह्मपुर में लोजपा के बड़े बाहुबली हुलास पांडेय चुनाव लड़ते हैं। वहां से जन सुराज के प्रत्याशी सत्य प्रकाश तिवारी बड़े डॉक्टर हैं। पटना में बड़ा अस्पताल चलाते हैं। प्रत्याशी बनने के बाद तीन दिन तक इन्होंने प्रचार किया। कल सुबह अचानक इन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ली है। इनकी तस्वीर इनके घर पर धर्मेंद्र प्रधान के साथ है। यह पहले नहीं देखा होगा कि चुनाव घोषित होने के बाद एक प्रत्याशी से केंद्र के मंत्री मिल रहे हैं। इनपर दबाव देकर नामांकन वापस कराया गया है। जन सुराज के एक सभ्य कार्यकर्ता, डॉक्टर को डरा कर नामांकन वापस कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह गोपालगंज के बहुत बड़े डॉक्टर और हमारे उम्मीदवार डॉ शशि शेखर सिन्हा का भी मामला है। वहगोपालगंज के बड़े नेता रघुनाथ पांडेय के दामाद हैं। हमारे साथ लगातार रहे हैं। परसों तक चुनाव प्रचार कर रहे थे। फिर इनके पास स्थानीय भाजपा नेता पहुंचे और इनपर दबाव बनाकर नामांकन वापस लेने को कहा। उन्होंने मुझसे कॉल कर कहा कि मुझपर दबाव बना रहे हैं लेकिन मैं आपके साथ हूं। फिर दो घंटे बाद उन्होंने नामांकन वापस लेकर फ़ोन बंद कर लिया।

पीके ने चुनाव आयोग से पूछे यह सवाल

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हमारी जानकारी में है कि जन सुराज के 14 उम्मीदवारों को कई तरह की धमकी दी गई, डराया गया है। तीन लोग टूट गए लेकिन 240 लोग अभी भी हिम्मत से साथ खड़े हैं। कुम्हरार से हमारे प्रत्याशी प्रो. केसी सिन्हा पर भी बहुत दबाव दिया गया है। लोगों ने मुझे बताया कि उनको भी बहुत धमकी दी गई है। लेकिन उनको धन्यवाद देना चाहते हैं कि वो डिगे नहीं। वाल्मीकिनगर से पहली बार एक शिक्षक को जन सुराज ने टिकट दिया है। वो दो साल पहले इस्तीफा देकर जन सुराज से जुड़े। दो साल से उन्हें सैलरी नहीं मिली है। अब नामांकन के बाद स्थानीय प्रशासन उनपर दबाव बना रहा है कि आपका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। आप चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

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