बिहार चुनाव में प्रथम चरण के नजदीक आते-आते दोनों प्रमुख गठबंधनों की रणनीति बदल गई है। पुराने मुद्दों से दूरी बनाते हुए सत्ताधारी एनडीए और महागठबंधन ने युवा और महिला वर्ग को साधने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। घुसपैठ जैसे प्रमुख मुद्दे को सीमांचल तक सीमित करने के बाद भाजपा सुशासन बनाम जंगलराज के मुद्दे को धार देने में जुटी है, तो विपक्षी गठबंधन भी वोट चोरी और वक्फ अधिनियम संशोधन कानून को सीमांचल और मुस्लिम प्रभाव वाली सीटों तक सीमित कर दिया है।
दोनों गठबंधनों की रणनीति और मुद्दे में बदलाव का कारण कुल मतदाताओं में चौथाई से भी अधिक हिस्सेदारी रखने वाले 18 से 29 साल के 1.77 करोड़ युवा हैं। इनमें 14 लाख पहली बार वोट डालने वाले हैं, जबकि 20 से 29 साल के 1.63 करोड़ मतदाताओं में रोजगार, शिक्षा का मुद्दा प्रमुख है। इस वर्ग को साधने के लिए विपक्षी महागठबंधन ने जहां हर परिवार से एक युवा को सरकारी नौकरी देने की बात कही है, वहीं राजग ने शुक्रवार को अपने घोषणा पत्र में एक करोड़ रोजगार समेत युवा केंद्रित कई वादे किए हैं।
3.45 करोड़ महिला वोटरों को साधने की मची होड़
दोनों गठबंधनों के बीच 3.45 करोड़ महिला मतदाताओं को साधने की होड़ है। कई महिला सशक्तीकरण योजनाओं के कारण सीएम नीतीश इस वर्ग में लोकप्रिय रहे हैं। इस वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए महागठबंधन ने जीविका दीदी को नियमित करने, वेतन बढ़ाने जैसे वादे किए हैं। जवाब में एनडीए ने एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का वादा किया है। नीतीश सरकार 35% आरक्षण, प्रति महिला दस हजार रुपये जैसी घोषणाएं पहले ही कर चुकी है।
जंगलराज बनाम सुशासन
राजग अपने जंगलराज बनाम सुशासन के पुराने मुद्दे पर कायम है। बीते एक हफ्ते में इस मुद्दे पर राजग के नेता और मुखर हुए हैं। पीएम, सीएम से ले कर सभी नेता राजग शासनकाल के घटनाओं की याद दिला कर मतदाताओं को सतर्क कर रहे हैं। हालांकि, घुसपैठ जैसे अहम मुद्दे को पार्टी ने सीमांचल के चार जिलों तक ही सीमित कर दिया है।
नीतीश का स्वास्थ्य भी मुद्दा
विपक्षी महागठबंधन नीतीश के स्वास्थ्य को लेकर अब भी हमलावर है। लगातार धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि एनडीए के सत्ता में आने पर भाजपा नीतीश को सीएम नहीं बनने देगी। हालांकि, शुरुआती झिझक के बाद भाजपा ने सार्वजनिक रूप से नीतीश को सीएम पद का चेहरा बताया है।
अंतिम चार दिन अहम : प्रथम चरण के मतदान के लिए अब चार दिन का समय शेष है। एनडीए की ओर से पीएम 3, नीतीश 10 जनसभाओं को संबोधित करेंगे। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी एक दर्जन जनसभाओं को संबोधित करेंगे।



