सुपौल जिले में बीते तीन दिनाें से रूक-रूक कर बारिश जारी है। जिससे आम जनजीवन भी प्रभावित है। शहर में कई स्थानों पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। शनिवार को सुबह से ही जिलेभर में लगातार बारिश होती रही। इन सबके बीच तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। जिले में शनिवार की सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे के दौरान औसतन 5.4 एमएम वषापात रिकॉर्ड की गई। जबकि अधिकतम तापमान 29.6 एवं न्यूनतम 26.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड की गई है। इस बीच जिला प्रशासन ने एडवाईजरी जारी किया है।
जिला आपदा प्रबंधन शाखा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 7 अक्टूबर तक जिले में भारी वर्षा, वज्रपात, 30-50 किमी/घंटे की गति से हवा के चलने का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें रविवार को रेट अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में कोसी नदी एवं सुरसर नदी सहित विभिन्न जलक्षेत्र में जलस्तर वृद्धि, जलजमाव, फ्लैश फ्लड जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
जिला प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने, छोटे बच्चे को तालाब, पोखर, नहर में स्नान से रोकने, किसी पेड़, बिजली के खंभे या कमजोर आधारभूत संरचना के नीचे शरण नही लेने, तटबंध क्षेत्र के निचले हिस्से में बसे लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने, नदी, तालाब, नहर या किसी भी जल श्रोत से दूर रहने, खुले खेतों में वर्षा और वज्रपात के समय कृषि कार्य नही करने, पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने व खुले में ना बांधने, किसी भी आपात स्थिति में संबंधित सीओ, स्थानीय थाने को तत्काल सूचना देने, किसी भी आपात स्थिति की सूचना जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र सुपौल के दूरभाष नंबर-06473224005 एवं मोबाईल नंबर-9430225162 पर देने की अपील की है।
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एसडीएम ने लिया बाढ़ के मद्देनजर तैयारी का जायजा
इधर, नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक बारिश की संभावना को देखते हुए सदर एसडीएम इंद्रवीर कुमार ने पूर्वी तटबंध का निरीक्षण किया। इस क्रम में तटबंधों की स्थिति, स्पर पर किए गए कार्य एवं पिछले वर्ष कटाव के बाद किए गए पुनर्स्थापना कार्य का जायजा लिया। साथ ही उपस्थित अधिकारीयों व कर्मियों को निर्देश दिया कि नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में ज्यादा बरसात की संभावना को देखते हुए सभी पदाधिकारी व कर्मी तटबंध पर अपने-अपने ड्युटी पर मुस्तैद रहें, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
उन्होंने तटबंध से संबंधित इंजीनियरों से बाढ़ से बचाव के कार्य के साथ कटावरोधी कार्य करने के लिए आवश्यकतानुसार सामग्रियों के बारे में जानकारी ली। जहां संबंधित इंजीनियरों, पदाधिकारी एवं कर्मियों ने बताया कि जल संसाधन विभाग की ओर से तटबंध एवं स्पर पर विगत वर्ष व्यापक कार्य किया गया है। तटबंध एवं स्पर पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। बावजूद किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग की टीम द्वारा पर्याप्त मात्रा में कटाव रोधी सामग्रियों का भंडारण विभिन्न जगहों पर कर लिया गया है। साथ ही मजदूर एवं इंजीनियरों को पूर्ण रूप से उपस्थिति के साथ अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है।
एसडीएम ने सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को लगातार निरीक्षण करने का निर्देश दिया। इस दौरान लोगों एवं जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि अंदर पानी बढ़ने से पूर्व ही सभी लोग तटबंध के बाहर सुरक्षित स्थल पर शरण ले लें। हालांकि फिलहाल नेपाल प्रभाग स्थित भीमनगर बराज से कोसी का डिस्चार्ज 01 लाख क्यूसेक से भी नीचे है। जल संसाधन विभाग की ओर से शनिवार देर शाम जारी फ्लड रिपोर्ट में भी खास बढ़ोतरी की संभावना नहीं जताई गई है। लेकिन शाम 04 बजे के बाद जलस्तर में हल्की बढ़ोतरी देखी जा रही है।
फूल लगे धान की फसल को होगा नुकसान
इधर, केवीके राघोपुर के प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ नित्यानंद ने बताया कि आगामी 7 अक्टूबर तक भारी बारिश की संभावना है। रेड अलर्ट में तेज हवा के साथ पूरे जिले में 90 एमएम तक बारिश हो सकती है। ऐसे में जो धान गव्हा में है या गव्हा से निकलने के बाद भी उसमें फूल नहीं लगा है तो उसे नुकसान नहीं होगा। लेकिन, जिसमें फूल लगा होगा या बन रहा होगा, उसमें 15-20 प्रतिशत तक फसल नुकसान की संभावना है। हालांकि, अगर फूल लगे तीन-चार दिन बीत गया तो उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सुपौल जिले के हिसाब से देखा जाए तो अधिकांश फसल गव्हा में है, इसलिए अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। निचले इलाके में पानी जमा होने से रबी फसल की बुआई में देरी होगी।



