Friday, December 5, 2025
No menu items!
.
HomeBihar NewsBihar: कोजागरा पर जानकी मंदिर में 151 साल पुरानी परंपरा का निर्वाह,...

Bihar: कोजागरा पर जानकी मंदिर में 151 साल पुरानी परंपरा का निर्वाह, एक ही परिवार के छठी पीढ़ी ने भेजा 108 भार

मिथिला में कोजागरा पर्व का विशेष महत्व है। पान, मखान और मिठाई से मां लक्ष्मी की पूजा-अराधना कर लोग परिवार के समृद्धि की कामना करते हैं। तीन दिवसीय इस पर्व की शुरुआत सोमवार से हुई। इसको लेकर सुपौल जिला मुख्यालय सहित तीन स्थानों पर भव्य तरीके से पूजा-अर्चना की जा रही है। शहर के वार्ड 12 स्थित लक्ष्मी मंदिर, वार्ड 17 एवं सदर प्रखंड के वीणा-बभनगामा में मेला का आयोजन भी किया गया है।

वहीं, नेपाल के जनकपुर धाम स्थित मां जानकी मंदिर में भी भव्य पूजा हुई। खास बात यह है कि मंदिर की स्थापना के बाद यहां 151 वर्षों से एक ही परिवार हर साल कोजागरा पूर्णिमा के दिन 108 भार चढ़ाता आ रहा है। स्थानीय पर्यावरणविद सुरेश शर्मा बताते हैं कि परंपरा की शुरुआत 151 वर्ष पूर्व नेपाल के महोत्तरी जिला के रतौली निवासी स्व महेंद्र प्रसाद ठाकुर ने की थी। सोमवार को उनकी छठी पीढ़ी ने इस परंपरा का निर्वाह किया।

पढे़ं:बाढ़ से त्रस्त ग्रामीणों ने एनएच-28ए किया जाम, प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन; लगाया ये आरोप

वह बताते हैं कि मिथिला में कोजाग्रत पूर्णिमा के अवसर पर पुत्री को भार के रुप में पान, मखान, मिष्ठान, चूड़ा, दही, चावल, दाल, सब्जी और नए कपड़े भेजने का चलन रहा है। इसके अनुरुप माता जानकी को भी स्व महेंद्र प्रसाद ठाकुर का परिवार हर वर्ष भार भेजता रहा है। मान्यता है कि माता जानकी मिथिलावासियों के लिए पुत्री समान हैं, इसलिए कोजागरा का भार उन्हें भेजा जाता है। वहीं भारत-नेपाल सामाजिक सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने कहते हैं कि परिवार द्वारा 151 वर्षों से परंपरा का निर्वाह आने वाले पीढी के लिए बेहतर संदेश है। इससे समाज में धर्म-संस्कृति को जानने के लिए भी अनुकरणीय संदेश जाता है।

प्रथम पुत्र के जन्म पर 108 भार लेकर आए थे महेंद्र

जानकी मंदिर के महंत के रुप में सेवा दे रहे साकेत निवासी नबल किशोर दास बताते हैं कि स्व महेंद्र प्रसाद ठाकुर ने अपने पहले पुत्र के जन्म के बाद माता जानकी के लिए 108 भार लेकर आए थे। उस वक्त उनकी जमींदारी चलती थी। इसके बाद से हर वर्ष उनके परिवार के सदस्यों ने परंपरा का निर्वाह किया। हालांकि, अब परिवार की आर्थिक स्थिति पहले जैसी नहीं रह गई है। लेकिन, मां जानकी के लिए परिवार के जुड़ाव में कोई अंतर नहीं आया है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments