BLN– बिहार के मुंगेर जिले में पिछले साल दुर्गा पूजा विसर्जन के समय पुलिस द्वारा कि गई गोली-बारी के कारण बेकापुर, लोहपट्टी निवासी एक युवक अनुराग पोद्दार कि मौत हो गई थी। जिसके बाद मुंगेर में तनाव का माहौल बन गया था, जिसके कारण तत्कालीन DM और SP (लिपि सिंह) का तबादला कर दिया गया। स्थानिये लोगों व मृतक के परिवारजनों का कहना था कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए तत्कालीन SP लिपि सिंह जिम्मेदार हैं, उनके हीं आदेश पर पुलिस ने गोली चलायी थी।
मृतक के पिता अमरनाथ पोद्दार ने अपने बेटे अनुराग पोद्दार को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हाईकोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कि गयी, साथ ही इस मामले कि सुनवाई 2 महीने मे पूरा कर फैसला देने का निर्देश भी सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को दिया था।
इस पूरे घटनाक्रम में अब ताज़ा अपडेट यह है कि, हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली है, लेकिन फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। अमरनाथ पोद्दार के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने मामले को जांच पुलिस से वापस लेकर सीआईडी को दिया था। फिर सीआईडी ने इसके लिए एसआईटी का गठन किया।
उन्होंने राज्य सरकार के निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुये कहा कि पुलिस फायरिंग में एक निर्दोष बच्चे की जान चली गई लेकिन पुलिस फायरिंग करने से इनकार कर रही है। मृतक अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार ने इस पूरे मामले की जांच CBI से करवाने की मांग हाईकोर्ट से की है ।
अब फैसला किसके पक्ष में आता है यह देखने वाली बात होगी, एक तरफ एक रसूखदार आईपीएस ऑफिसर की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है, तो दूसरी ओर न्यायालय की चौखट पर न्याय की आस में खड़ा एक बाप है, जिसकी बुढ़ापे की लाठी किसी ने उससे छीन ली है, लेकिन उसे पता नहीं है किसने …