King Mahendra-:लगातार सात बार से राज्यसभा सांसद और एरिस्टो फार्मा के मालिक किंग महेंद्र नहीं रहे। लंबे अरसे से बीमार चल रहे किंग महेंद्र ने दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में कल रात यानि की रविवार की मध्य रात्रि करीब 12 बजकर 30 मिनट में अपनी आखिरी साँसे लीं।
वर्तमान में किंग महेंद्र जेडीयू के कोटे से राज्यसभा सांसद थे। अभी उनका 2 वर्ष का कार्यकाल बचा हुआ था। पहली बार किंग महेंद्र 1980 में लोकसभा सांसद बने उसके बाद क्रमसः काँग्रेस, राजद और जेडीयू से वे लगातार अब तक 7 बार राज्यसभा के सांसद रहे।
1940 में जहानाबाद के गोविंदपुर में जन्मे किंग महिंदर उर्फ महेंद्र प्रसाद मशहूर एरिस्टो फार्मा और मैप्रा लेबोरेटरीज़ नामक दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक भी थे। वर्तमान समय में किंग महिंदर लगभग 4 हज़ार करोड़ की संपत्ति के मालिक भी थे।
किंग महेंद्र के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी संवेदनाएं ब्यक्त की हैं।
बेहद गरीबी में अपना बचपन गुजारने वाले महेंद्र प्रसाद आखिर कैसे बन गए किंग महेंद्र
1940 में जहानाबाद के गोविंदपुर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में महेंद्र प्रसाद को बचपन से हीं ब्यापार में रुचि थी। युवावस्था में वह नौकरी करने के लिए बंबई चले आए। यहाँ उन्होने जहानाबाद के हीं संप्रदा सिंह की दवा कंपनी में नौकरी की। जब दवा के व्यवसाय का उन्हे कुछ अनुभव हो गया तो 1971 में 31 वर्ष की आयु में किंग महेंद्र ने अपनी खुद की दवा कंपनी एरिस्टो फार्मा की शुरुआत की।
उसके बाद तो किंग महेंद्र और उनकी फार्मा कंपनी लगातार सफलता की नयी ऊंचाईयों को छूते चले गए।
घूमने के शौकीन थे किंग महेंद्र
किंग महेंद्र को अलग-अलग देश घूमने का शौक था। बतौर सांसद सबसे अधिक देश घूमने का रेकॉर्ड भी किंग महेंद्र के नाम है। शायद हीं Glove पर कोई ऐसा देश होगा जहां किंग महेंद्र घूमने नहीं गए हों।
भारत के सबसे अमीर सांसदों में एक थे किंग महेंद्र
किंग महेंद्र की दवा कंपनी का कारोबार कई देशों में फैला हुआ है। कुछ मीडिया रीपोर्ट्स में तो उन्हे 7 हज़ार करोड़ रु की संपत्ति का मालिक भी बताया गया था।