BLN- मैदान था नवादा जिले के हिसुआ विधानसभा क्षेत्र का , मंच था तेजस्वी यादव का और मंच पर साथ मिला राहुल गांधी का जो बिहार विधानसभा चुनावों मे पहली बार तेजस्वी के साथ मंच साझा कर रहे थे और मैदान मे उपस्थित था बिहार के भावी मुख्यमंत्री का इंतज़ार में उमड़ा जन सैलाब। बस फिर क्या था तेजस्वी अपने तरकश के सारे तीर नीतीश कुमार पर एक के बाद एक छोड़ते चले गए ।
सबसे पहले तो तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू यादव की रिहाई के विषय मे कहा की 9 नवम्बर को उनका जन्मदिन है और 9 तारीख को ही लालू यादव की जेल से रिहाई होगी और 10 तारीख को नीतीश कुमार की विदाई होगी ।
तेजस्वी ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए शुरुआती भाषण में कहा कि वो उबाऊ और थकाऊ भाषण देने नहीं आए हैं. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश जी, आप थक चुके हैं. बिहार का ध्यान रख पाने में आप नाकाम हैं. उन्होंने भोजपुरी में कहा कि 15 साल से डबल इंजन की सरकार है लेकिन क्या ब्लॉक या जिला में कोई काम बिना चढ़ावा दिए होता है?
तेजस्वी ने सभा में उपस्थित लोगों से पूछा कि क्या 15 साल में नीतीश जी ने आपको रोजगार दिया, पलायन रोका? उन्होंने राज्य में उद्योग धंधे लगवाए? तेजस्वी ने कहा, ‘नीतीश जी कहते हैं कि बिहार समंदर के किनारे नहीं है इसलिए यहां उद्योग नहीं लग सके लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि लालू जी ने रेल मंत्री रहते हुए मधेपुरा, छपरा में रेल कारखाना लगवाए या नहीं लगवाए?’
10 लाख नौकरियों का वादा दुहराया
तेजस्वी ने अपने पिता की हीं शैली में भोजपुरी में कहा की , ‘देख भाई लोग, हम नवरात्र कैले बानी, झूठ न बोलब, हम सीधा बात करतनी, जो कहतनी, वो सच कर तानी. महागठबंधन की जीत होगी. इस गठबंधन में कांग्रेस के साथ लेफ्ट पार्टियां भी हैं और मुख्यमंत्री बनते ही हमारी कलम चलेगी तो पहली कैबिनेट मीटिंग में 10 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देंगे.
उन्होंने कहा कि नीतीश जी बजट का 40 फीसदी पैसा खर्च भी नहीं कर पाते हैं और हमसे पूछते हैं कि पैसा कहां से आएगा? तेजस्वी ने कहा कि सरकारी नौकरी के अलावा प्राइवेट नौकरियां भी मिलेंगी. उन्होंने युवकों से कहा फॉर्म भरने की फीस और परीक्षा केंद्रों तक जाने का किराया भा हम माफ कर देंगे. आशा कार्यकर्ता और जीविका दीदियों को स्थाई करेंगे. तेजस्वी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा और पूछा कि उस विशेष पैकेज का क्या हुआ जिसके लिए आपने पांच साल पहले बिहार की बोली लगाई थी.
तेजस्वी यादव इन दिनों अपनी सभाओं मे उमड़ने वाली भीड़ से गदगद हैं , जिस तरह नीतीश कुमार पर उनके द्वारा हमला करने की शैली में एक नया पैनापन आया है वह शायद उनकी सभाओं मे उमड़ने वाली भीड़ का ही प्रभाव है । अब यह तो 10 नवम्बर को ही पता चल पाएगा की यह भीड़ उन्हे बिहार की सत्ता का ताज सौंपती है या नहीं ..