कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर महीनों से चली आ रही है रस्साकशी के बीचउपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार का बड़ा बयान सामने आया है। शनिवार को उन्होंने साफ-साफ कहा किइस मुद्दे पर फैसला कांग्रेस हाईकमान ही करेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दोनों को यह बताया गया है कि कब दिल्ली बुलाया जाएगा और जब बुलावा आएगा, तब दोनों साथ में दिल्ली जाएंगे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीके शिवकुमार ने कहा किमैं आप लोगों को बताए बिना कुछ नहीं करूंगा।
शिवकुमार ने आगे कहा किमैं छुपकर कहीं नहीं जाऊंगा। हाईकमान ने हमें फोन पर बताया है कि सही समय पर बुलाया जाएगा। हम दोनों इसी बात का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या दिल्ली आने का न्योता मिल गया है, तो उन्होंने कहा कि हाईकमान ने दोनों नेताओं से बात की है और कहा है कि उचित समय पर बैठक होगी।
सिद्धारमैया के बयान के बाद आई प्रतिक्रिया
बता दें कि डीके शिवकुमार का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में कहा था कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस हाईकमान उनके पक्ष में है और 2023 में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ था। इसपरडीके शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकमान की मौजूदगी में आपसी सहमति से एक समझौता किया है और दोनों नेता उसी का पालन करेंगे।
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दरअसल, कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल का आधा समय पूरा होने के बाद, यानी 20 नवंबर कोमुख्यमंत्री बदलने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। इन अटकलों की वजह 2023 में बताया गया वह ‘पावर शेयरिंग फॉर्मूला’है, जिसके तहत ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री रहने की चर्चा थी। इसी बीच कुछ नागा साधु डीके शिवकुमार के घर पहुंचे और उन्हें आशीर्वाद दिया, जिसे लेकर भी राजनीतिक चर्चाएं हुईं।
दिल्ली दौरे पर भी बोले शिवकुमार
इसके साथ ही डीके शिवकुमार ने बताया कि वह मंगलवार को दिल्ली जा रहे हैं, लेकिन यह यात्रा नेतृत्व विवाद से जुड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के जल संसाधन मंत्रालय ने उन्हें नदी जोड़ो परियोजना को लेकर बुलाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वह महादयी, कृष्णा जल विवाद, मेकेदाटु और अपर भद्रा परियोजना जैसे कर्नाटक से जुड़े अहम जल मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा वह केंद्रीय जल संसाधन मंत्री, वन मंत्री और शहरी विकास मंत्री से भी मुलाकात करेंगे। जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री से भी मिलने की बात कही।
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केंद्र सरकार पर भी साधा निशाना
डीके शिवकुमार ने आगे मनरेगा योजना के नाम बदलने को लेकरकेंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महात्मा गांधी के नाम को हटाकर देश के राष्ट्रपिता का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा किदेश को गांधी चाहिए। अगर सरकार में हिम्मत है तो नोटों से भी गांधी जी की तस्वीर हटा दे। मनरेगा योजना सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई थी। अब सरकार इस योजना को खत्म करना चाहती है, इसलिए नाम बदल रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस फैसले के खिलाफ कर्नाटक से बड़ा आंदोलन शुरू होगा।
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