Tuesday, November 18, 2025
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Satta Ka Sangram: सुपौल में राजनेताओं ने बताया किस ओर बह रही चुनावी बयार | Bihar Assembly Elections 2025

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अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ सुपौल पहुंचा। राजनेताओं के बीच तीखी बहस हुई।सवाल गठबंधन पर शुरू हुआ।इस पर जदयू नेता ओम प्रकाश ने कहा कि हमारा पुराना गठबंधन तो एनडीए के साथ ही रहा है। बीच-बीच में जब राजद मृत्यु अवस्था में थी, तब हमने ऑक्सीजन देने का काम किया था। इसलिए वे 17 महीने तक जीवित रहे, क्योंकि 15 साल में उन्होंने कभी ऑक्सीजन लेने का काम नहीं किया था। इस पर राजद नेता विद्याभूषण ने पलटवार करते हुए कहा कि जो काम नीतीश सरकार 17 साल में नहीं कर पाई, वह काम तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर 17 महीने में कर दिखाया। तेजस्वी यादव ने अपने मैनिफेस्टो में 10 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, और जब नीतीश कुमार के साथ गठजोड़ हुआ तो उन्होंने 5 लाख लोगों को रोजगार देने का काम किया। हमारे नेता ने अपना वादा पूरा किया। अब विपक्ष में रहकर कोई भी कुछ कहे, लेकिन इस सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता। राजद नेता के ‘नौकरी वाले बयान’ पर जदयू नेता ओम प्रकाश ने तंज कसते हुए कहा कि जिस शिक्षा विभाग की बात ये कर रहे हैं, उसी विभाग के मंत्री अपने विभाग में टिक नहीं पाए। उनकी स्थिति ऐसी थी कि उनका टिकट तक काट दिया गया था। आख़िरी दौर में उन्हें टिकट मिला। यही स्थिति इनकी पार्टी के शिक्षा मंत्री की थी। इसलिए हमने ऑक्सीजन की पाइप खींच ली। इसके बाद भाजपा नेता एनडी ठाकुर से ऑक्सीजनवाले बयान पर सवाल किया गया। इस पर उन्होंने कहा कि “बिहार में एनडीए पांच पार्टियों का गठबंधन है, यानी पाँच पांडव। जदयू से हमारा स्वाभाविक गठबंधन है और नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में विकास की बयार बह रही है। पहले के सुपौल और अब के सुपौल में काफी अंतर है। पहले यहां छोटी लाइन थी, अब बड़ी लाइन बिछा दी गई है। पहले लोग यहां से पटना जाने में कतराते थे, अब यहीं से दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता तक जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस नेता जीतेन्द्र झा से जब इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि “हम सबका जवाब देंगे, लेकिन जदयू के ओम प्रकाश जी ने जो कहा कि जब राजद मृत्यु अवस्था में होता है, तो वे सांस देने का काम करते हैं।असल सच्चाई यह है कि जब जदयू को लगता है कि भाजपा उन्हें मृत्यु के कगार पर ले जा रही है, तब वे हमारे महागठबंधन में आकर सांस लेने लगते हैं। अब शायद नीतीश जी को फिर अहसास हुआ है कि भाजपा उन्हें फिर ‘मृत घोषित’ करने के चक्कर में है, इसलिए वे अब फिर सांस लेने की संभावना तलाश रहे हैं। कोसी नदी से जुड़े सवाल पर कोसी मुक्ति संघर्ष समिति के सुशील यादव ने कहा कि “मौजूदा सरकार ने दोनों तटबंधों के बीच जो व्यवस्था की है, और पूर्णिया से दरभंगा तक लगभग 125 किलोमीटर की जो ज़मीन व्यवस्थित की गई है, जब तक सरकार इसकी पूरी व्यवस्था नहीं करेगी, तब तक 2008 जैसी त्रासदी दोबारा आ सकती है। यदि ऐसा हुआ, तो आज जो इंफ्रास्ट्रक्चर आप देख रहे हैं, वह फिर धराशायी हो जाएगा।

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