BLN- ऊपर वाले से उम्मीद करता हूँ की ऐसा नहीं हो , लेकिन अगर आप भी अपना कोई मुकदमा सर्वोच्य न्यायालय यानि की Supreme Court में लड़ रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए खास है, क्योंकि आज सुप्रीम कोर्ट के जज डी0 वाई चंद्रचूड़ ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार मे तीन ई-सेवा केन्द्रों का उदघाटन किया । इस मौके पर पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीस संजय करोल के साथ ही अन्य गणमान्य जज भी मौजूद रहे ।
बिहार में ई-सेवा केंद्र खोलने का मकसद है की अब बिहार के लोग भी घर बैठे अपने केस की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है , इसकी साथ ही ई-फाईलिंग की सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं।
हालांकि फिलहाल 3 ई-सेवा केंद्र ही खोले गए हैं ,पहला पटना उच्च न्यायालय दूसरा पटना सिविल कोर्ट और तीसरा मसौढी के लखनौर गाँव मे । इस मौके पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने जस्टिस संजय करोल की तारीफ करते हुए कहा कि जस्टिस करोल कि मेहनत कारण ही आज आज बिहार में तीन ई-सेवा केंद्र खोले जा सके हैं ।
कोरोना काल का ज़िक्र करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जिस तरह कोरोना के समय अदालती काम काज प्रभावित हुआ उसे देखते हुए आज हमे अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना ही पड़ेगा । आज आवश्यकता है कि हम जितना संभव हो न्यायिक प्रक्रिया को कागजी तामझाम से निकालकर तकनीक कि सहायता से सुलझाने का प्रयास करना चाहिए ।
बिहार की अदालतों में 1004 सेशंस केस पिछले 30 सालों से लंबित पड़े हैं
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि बिहार की अदालतों में 1004 सेशंस केस पिछले 30 सालों से लंबित हैं जबकि इस बात की भी जानकारी मिली कि दरभंगा की अदालत में एक पार्टिशन सूट 157/52 पिछले 69 वर्षों से सुनवाई की राह देख रहा है. मोतिहारी के सीजेएम कोर्ट में एक मुकदमा 48 वर्षों से लंबित है. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक साल के कोरोना काल में ( मार्च 2020 से मार्च 2021 ) बिहार की निचली अदालतों में कुल 5.4 लाख मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें 2.37 लाख का निपटारा हुआ. उन्होंने कहा कि इन बातों का उल्लेख मैं आलोचना के लिए नहीं कर रहा बल्कि बिहार के संदर्भ में इन आंकड़ों को प्रस्तुत कर रहा हूं ताकि सही तरीके से मॉनेटरिंग हो सके.