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Ujjayi pranayama steps in Hindi:- उज्जायी प्राणायाम कैसे करे और क्या हैं इसे करने के लाभ

उज्जायी एक संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है विजयी। यह ‘जी’ धातु से बना है जिसका अर्थ होता है विजय प्राप्त करना या युद्ध द्वारा किसी चीज को प्राप्त करना और उपसर्ग उद का अर्थ होता है बंधन। इस प्रकार उज्जायी वह प्राणायाम है जो बंधन से मुक्ति दिलाता है।

Ujjayi pranayama steps in Hindi

Ujjayi pranayama steps in Hindi:- सबसे पहले किसी आरामदायक आसन या ध्यान के आसन में बैठ जाएँ अपनी आँखों को बंद कर लें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। नाक में आती-जाती सांस के प्रति सजग बन जाएँ और धीमी गति से सांस लेते रहें।

थोड़ी देर बाद अपनी सजगता और ध्यान गले पर ले जाएँ, ऐसा अनुभव करें या कल्पना करें कि नाक के दोनों छेद गले में है और सांस नाक से नहीं बल्कि गले से आ जा रही है।

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जब श्वसन धीमा और गहरा हो जाये , तब धीरे से अपने कंठ को संकुचित करें, ताकि गले से सोते हुए बच्चे के खर्राटे जैसी आवाज निकलने लगे । अभ्यास करते समय लंबी सांस अंदर लें और बाहर छोड़े, और ध्यान रहे कि सांस लंबी हो लेकिन नियंत्रित हो इस बीच अपने ध्यान को गले से निकलने वाली आवाज पर केन्द्रित कर के रखें ।

सांस लेने और छोड़ने के क्रम में गले से निकलने वाली आवाज इतनी कम हो कि उसे बस आप हीं सुन सकें ,गले से बहुत तेज ध्वनि नहीं निकालें।  जब इस प्रकार के श्वसन में दक्षता प्राप्त हो जाए तब अपनी जीभ को खेचरी मुद्रा में पीछे कि ओर मोड़ लें ।

खेचड़ी मुद्रा – अपनी जीभ को उपर और पीछे कि ओर इस प्रकार मोड़े कि उसका नीचे का हिस्सा तालु के ऊपरी भाग को स्पर्श करे ।

यदि जिह्वा थक जाए तो उसे सीधा कर लें और उज्जायी श्वसन करते रहे , जब जीभ को आराम मिल जाए तब उसे पुनः मोड लें।

प्राणायाम क्या होता है,प्राणायाम के कितने प्रकार हैं और क्या है प्राणायाम करने की सही विधि, जानने के लिए यहाँ क्लिक करें । 

उज्जायी प्राणायाम कितनी देर तक करना चाहिए

10 से 20 मिनट तक उज्जायी प्राणायाम करना बेहतर होता है।

उज्जायी प्राणायाम का अर्थ क्या है ?

उज्जायी एक संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है विजयी। यह ‘जी’ धातु से बना है जिसका अर्थ होता है विजय प्राप्त करना या युद्ध द्वारा किसी चीज को प्राप्त करना और उपसर्ग उद का अर्थ होता है बंधन। इस प्रकार उज्जायी वह प्राणायाम है जो बंधन से मुक्ति दिलाता है।

उज्जायी प्राणायाम करते समय क्या सावधानियाँ रखें ?

जो लोग स्वभाव से बहुत अंतर्मुखी होते है, उन्हे यह अभ्यास नहीं करना चाहिए।

उज्जायी प्राणायाम के लाभ(Benefits of Ujjayi pranayam in hindi)

उज्जायी प्राणायाम को शांति प्रदान करने वाला प्राणायाम कि श्रेणी में रखा गया है । इस प्राणायाम से तंत्रिका तंत्र और मन दोनों ही शांत रहते हैं , इसके साथ ही यह अनिद्रा को दूर करने में भी यह प्राणायाम सहायक है।

उज्जायी प्राणायाम शरीर के सातों धातुओं- रक्त, अस्थि, मज्जा, मेद , वीर्य, त्वचा एवं मांस कि ब्याधियों को दूर करता है।

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