भारत-चीन सीमा के लगे इलाकों में शुक्रवार को जबरदस्त बर्फबारी हुई, जिससे पूरे सिक्किम में तापमान में भारी गिरावट आई। कई इलाकों में पारा जीरो से नीचे चला गया, जिससे यहां यातायात प्रभावित हो गया है। नाथुला, कुपुप व त्सोम्गो (चांगू) झील और उसके आसपास बहुत भारी बर्फबारी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने सिक्किम में अगले 24 घंटों में मौसम और खराब होने का रेड अलर्ट जारी किया है। पर्यटकों से ऊंचाई वाले इलाकों की यात्रा न करने की सलाह दी है। सीमा सड़क संगठन की टीमें बर्फ हटाने के लिए लगातार काम कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है, यह जलवायु परिवर्तन का असर हो सकता है, क्योंकि आम तौर पर ऐसी बर्फबारी नवंबर मध्य से शुरू होती है। वहीं, मौसम में आए बदलाव से पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना मेंमोंथा तूफान का कहर
चक्रवात ‘मोंथा’ के प्रभाव से हुई भारी बारिश ने तेलंगाना में तबाही मचा दी। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश से जुड़े अलग-अलग हादसों में छह लोगों की मौत हो गई है। पुलिस और जिला प्रशासन ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। वहीं, मौसम विभाग ने बंगाल अरुणाचल प्रदेश झारखंड के कई जिलों में अगले 24 घंटे में तेज बारिश की संभावना जताई है।
तेलंगाना के सिद्धिपेट जिले में एक दंपती की मौत उस समय हो गई, जब वे बाइक से उफनती धारा पार करने की कोशिश कर रहे थे। दोनों के शव शुक्रवार को बरामद किए गए। जंगांव जिले में एक महिला बहाव में बह गई, जबकि सुर्यापेट जिले में सड़क किनारे पेड़ गिरने से एक बाइक सवार की जान चली गई। महबूबाबाद जिले में दीवार गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। वहीं, वारंगल में बिस्तर पर पड़े एक वृद्ध की मृत्यु तब हो गई जब पानी उनके घर में घुस गया। अधिकारियों ने बताया कि कुछ अन्य लोग भी बाढ़ के पानी में बह जाने के बाद लापता हैं। 29 अक्तूबर को हुई मूसलाधार बारिश के कारण वारंगल, हनमकोंडा, महबूबाबाद, करीमनगर, खम्मम, भद्राद्री कोठागुडेम, नलगोंडा और सिद्धिपेट जिलों में सड़कों पर पानी भर गया और कई निचले इलाके जलमग्न हो गए।
आंध्र में 13 हजार पोल और 3 हजार ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त
आंध्र प्रदेश में तूफान ‘मोंथा’ ने राज्य की बिजली व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। ऊर्जा मंत्री जी. रवि कुमार ने शुक्रवार को बताया कि तूफान के चलते करीब 13,000 बिजली के खंभे, 3,000 किलोमीटर तारें और 3,000 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पहले ही कहा था कि राज्य को इस आपदा से लगभग 5,265 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
अरुणाचल में शनिवार से भारी बारिश और गरज-चमक का अलर्ट
मौसम विभाग (आईएमडी) ने अरुणाचल प्रदेश में शनिवार से शुरू होकर अगले दो दिनों तक भारी बारिश, गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना जताई है। विभाग ने कई जिलों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। आईएमडी के अनुसार, शनिवार को बारिश की तीव्रता सबसे अधिक रहने की संभावना है।
तवांग, पश्चिम कामेंग, लोअर सुबनसिरी और अंजॉ जिलों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा हो सकती है, इसलिए इन इलाकों को सतर्कता की स्थिति में रखा गया है। लोअर दिबांग वैली में भी कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है। विभाग के अनुसार सोमवार से मौसम में सुधार होने की उम्मीद है।
झारखंड के 13 जिलों में भारी बारिश चेतावनी
मौसम विभाग (आईएमडी) ने झारखंड के 13 जिलों के लिए भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि इन इलाकों में 1 नवंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। आईएमडी के मुताबिक, जिन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है उनमें चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, देवघर, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ शामिल हैं। आईएमडी ने बताया कि अगले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद चार दिनों में तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आने की संभावना है।
उत्तर बंगाल में बारिश का ऑरेंज अलर्ट
चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के असर से उत्तर बंगाल के कई जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान तेज बारिश और गरज-चमक की संभावना जताई गई है। आईएमडी ने शुक्रवार को इन इलाकों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया। मौसम विभाग ने बताया कि अलीपुरद्वार, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, कालिम्पोंग और दार्जिलिंग जिलों में गरज-चमक के साथ मध्यम से तेज बारिश हो सकती है, इसलिए इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, उत्तर दिनाजपुर जिले के लिए येलो अलर्ट (सतर्क रहने की सलाह) जारी किया गया है।
खराब मौसम की वजह से निर्मला सीतारमण का भूटान दौरा रद्द
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की भूटान की आधिकारिक यात्रा खराब मौसम की वजह से रद्द कर दी गई है। सीतारमण का 30 अक्तूबर से 2 नवंबर तक भूटान दौरा प्रस्तावित था। उन्हें इस चार दिवसीय दौरे के दौरान आर्थिक मामलों के विभाग के भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना था। यात्रा का उद्देश्य भारत और भूटान के बीच आर्थिक और वित्तीय संबंधों को मजबूती देना था। मंत्रालय के मुताबिक, वित्त मंत्री अपने दौरे की शुरुआत 1765 में स्थापित ऐतिहासिक सांगचेन चोखोर मठ की यात्रा से करने वाली थीं। इसके अलावा उन्हें वहां भारत समर्थित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निरीक्षण भी करना था।



