प्राणायाम दो शब्द प्राण और आयाम से मिलकर बना है, प्राण का अर्थ होता है जीवन की शक्ति और आयाम का अर्थ होता है विस्तार या प्रसार। एक शब्द में कहा जाए तो आपके जीवन का कायाकल्प करने वाले आसन का नाम है प्राणायाम।
प्राणायाम की तकनीकें ऐसी विधियाँ प्रदान करती हैं, जिनके द्वारा जीवन की शक्ति को सक्रिय और नियमित बनाया जा सकता है।
मुख्य रूप से प्राणायाम के अभ्यासों में श्वसन के चार महत्व पूर्ण पक्षों को उपयोग में लाया जाता है। पूरक, रेचक, अंतर्कुम्भक और बहिर्कुम्भक।
मानसिक तनाव से मुक्ति , हृदय व फेफड़ों के रोगों में लाभकारी। क्रोध, चिंता और अनिद्रा से मुक्ति दिलाता है प्राणायाम।
प्राणायाम के ऐसे तो 9 प्रकार हैं,परंतु उनमे से कपालभाती , उज्जायी प्राणायाम और भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास विशेष लाभकारी है।
योग में प्रत्येक आसन को करने के लिए उसके अपने कुछ नियम है। उपयुक्त और आदर्श स्थिति में किया गया योग और प्राणायाम हीं आपके लिए फायदेमंद है।