BLN- दोस्तों 2021 के बजट सत्र में देश की वित्त्मंत्रि निर्मला सीतारमण द्वारा निजी एवं ब्यापारिक प्रयोग में आने वाले वाहनो के लिए एक नई नीति की घोषणा की गई जिसे हम वाहनों के संदर्भ में Scrapping Policy 2021(कबाड़ योजना) के नाम से जानते हैं। वर्तमान परिवेश में वाहनों के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं , तो जाहिर सी बात है की आप सभी पर सरकार के इस Scrapping Policy 2021 का प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव पड़ने वाला है । अगर आप कोई नई गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं या पहले से हीं आप किसी गाड़ी का उपयोग कर रहे हैं, तब आपको भी सरकार द्वारा घोषित इस नई Policy के विषय मे जानकारी होना आवश्यक है , तो आइए जानते हैं की आखिर क्या है Vehicle Scrapping Policy 2021 विस्तार से ।
क्या है Vehicle Scrapping Policy 2021
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Scrapping Policy 2021 भारत सरकार कि एक स्वैछिक योजना है, जिसके अंतर्गत 15 साल से पुरानी Commercial Vehicle (ट्रक, बस, ऑटो, ट्रैक्टर, टेम्पो आदि और 20 वर्ष से पुरानी Private Vehicles जैसे की कार,बाईक जैसी गाड़ियों को औटोमटेड फिटनेस सेंटर से फ़िटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य हो जाएगा, यदि ये गाड़िया फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाती है तो उसे सेंट्रल वाहन डेटाबेस से D-Register कर दिया जायगा, यानि की ऑटोमैटिक उनका रेजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा, और गाड़ी को स्क्रैप सेंटर भेज दिया जाएगा ।
जो गाड़ी फिटनेस टेस्ट पास कर लेगी क्या वैसी गाडियाँ सड़क पर चल सकेंगी ?
इसका जवाब है हाँ, अगर 15 साल पुरानी कमर्शियल Vehicle या 20 वर्ष पुरानी निजी गाड़ियाँ फिटनेस टेस्ट पास कर जाती है, तो आप उन्हे नए रजिस्ट्रेशन के साथ सड़क पर चला सकते है, लेकिन उसके लिए आपको इतने ज्यादा पैसे भरने पड़ेंगे की आप खुद सोचेंगे की गाड़ी स्क्रैप करवाने मे ही फायदा है।
जिन गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट क्लियर नहीं होगा वैसी गाड़ियों का क्या होगा ?
नयी स्क्रैप पॉलिसी में डीजल और पेट्रोल के प्राइवेट वाहनो को 20 साल तक चलने कि इजाजत दी गई है । 20 साल से अधिक पुराने प्राइवेट गाड़िया अगर ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट पास करने में फेल हो जाते हैं या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रीन्यू नहीं कराते हैं तो 1 जून 2024 से वैसी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन खुद से समाप्त हो जाएगा । फिटनेस में फेल होने पर गाड़ी स्क्रैप कि जाएगी । हालांकि निजी गाड़ियों को सुधार का एक मौका दिया जाएगा । उसके बाद भी अगर फिटनेस में फेल होती हैं तो गाड़ी स्क्रैप करनी पड़ेगी । 1 अप्रैल 2023 से 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन समाप्त हो जाएगा ।
किन शर्तों के साथ रोड पर चलेंगी पुरानी गाड़ियाँ
अगर आप अपनी 15 साल पुरानी कमर्शियल वाहन को या 20 वर्ष पुरानी निजी वाहन को स्क्रैप में बेचने के बजाय रोड पर चलाना चाहेंगे , तो इसके लिए आपको हर 5 वर्ष पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा । इसके साथ हीं आपको प्रत्येक वर्ष फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा जिसके लिए आपको हर बार पहले से कई गुना ज्यादा फीस चुकाना पड़ सकता है । मामला यहीं खत्म नहीं होगा इन सब के अलावे प्रत्येक राज्य सरकार रोड टैक्स के साथ हीं रोड टैक्स का 25 फीसदी ग्रीन टैक्स लगाएगी जो कि हर-एक 5 वर्ष मे आपको देना पड़ेगा ।
इसके अतिरिक्त अगर आप पुरानी गाड़ियों के Re-Registration के लिए जाते हैं तो उसके लिए भी आपको पहले से ज्यादा फीस चुकानी पड़ेगी जो कि दोपहिया वाहन के लिए 300 से बढ़कर 1000रु और कार के लिए जहां पहले 600रु देने पड़ते थे उसके लिए 5000रु देने पड़ सकते हैं ।
8 साल पुरानी गाडियाँ भी हैं इस नए Vehicle Scrapping Policy 2021 के दायरे में
आपके पास यदि 8 साल पुरानी गाड़ी है तो आप पर भी इस नए Vehicle Scrapping Policy 2021 का प्रभाव पड़ने वाला है। इस नए कानून के बाद आपको भी अपनी गाड़ी का फिटनेस टेस्ट प्रत्येक वर्ष करवाना अनिवार्य हो जाएगा ।
नई स्क्रैप पॉलिसी से आम लोगों को क्या फायदा होगा ?
अव्वल और सबसे महत्वपूर्ण तो प्रदूषण कम करने में यह नयी Vehicle Scrapping Policy 2021 कारगर साबित होगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है । इसके अलावे पुरानी गाड़ियों को चलाने में खर्च भी ज्यादा आता है ,क्योंकि ईंधन का खपत पुरानी गाड़ियों में ज्यादा होता है । एक अनुमान के मुताबिक एक पुराने ट्रक को चलाने में नए ट्रक कि अपेक्षा 3 लाख रु तक सालाना ज्यादा खर्च आता है ।
नई पॉलिसी के तहत स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नई गाड़ी खरीदते वक्त 5 फीसदी छूट दी जाएगी । गाड़ी स्क्रैप करने पर कीमत का 4-6 फीसदी मालिक को दिया जाएगा । इसके साथ हीं नयी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के वक्त रजिस्ट्रेशन फी माफ कर दी जाएगी।
Vehicle Scrapping Policy 2021 के दायरे में कितनी गाड़ियाँ आएंगी
इस पॉलिसी के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य हल्के मोटर वाहन आएंगे। इसके तहत 15 लाख मीडियम और हैवी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और वर्तमान में जिनके पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है ।
Vehicle Scrapping Policy 2021 के बाद विंटेज गाड़ियों का क्या होगा ?
अगर आप कि गाड़ी विंटेज गाड़ी कि श्रेणी में आती है तो आपकी गाड़ी Scrapping Policy के दायरे से बाहर रहेगी ।
सरकार को इस नयी Vehicle Scrapping Policy 2021 से क्या फायदे होंगे ?
नयी स्क्रैप पॉलिसी आने से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में तेज़ी आने कि उम्मीद जताई जा रही है । अभी वर्तमान में इंडिया का ऑटोमोबाइल सैक्टर 4.5 लाख करोड़ रु का है, जो कि इस पॉलिसी के लागू होने के बाद 6 लाख करोड़ रु तक हो जाने कि संभावना है, तथा इसके साथ ही 10 हाजर करोड़ का निवेश भी ऑटोमोबाइल सैक्टर मे आने कि बात कही जा रही है। जब निवेश आएगा गाड़िया ज्यादा बनेंगी , ज्यादा बिकेंगी तो ज़ाहिर सी बात है की रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे जिसके तहत 50 हज़ार नए रोजगार के सृजन होने कि बात कही जा रही है ।
वर्तमान समय में भारत 10 लाख करोड़ का तेल दूसरे देशों से निर्यात करता है , उमीद यह भी कि जा रही है कि इस नए कानून के आने से तेल के निर्यात का बोझ भी थोड़ा कम होगा ।
नई Vehicle Scrapping Policy 2021 कब से लागू होगा
सरकार इसे लागू करने के लिए एक विस्तृत रूप रेखा तैयार कर रही है , क्योंकि इसे सही और प्रभावी तरीके से लागू करने में सरकार के सामने कई चुनौतियाँ है , सबसे बड़ी चुनौती तो इस पॉलिसी के लिए जो आधारभूत ढांचे कि आवश्यकता पड़ेगी वह है , इसके अलावे नई स्क्रैप पॉलिसी पर कुछ कमर्शियल वाहन संघो ने भी आपत्ति दर्ज कि है । अगर इन सारी चुनौतियों से सरकार भालिभांति निपट लेती है तो 1 अक्टूबर 2021 से नई Vehicle Scrapping Policy 2021 लागू हो जाएगी ।