कर्नाटक में सरकार नेतृत्व को लेकर मची खींचतान खत्म होतीनजरआ रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बाद उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उन्हें अपने घर नाश्ते पर बुलाया है। इसकी जानकारी डीके शिवकुमार ने एक्स पर साझा की।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एक्स पर लिखा, मैं और मुख्यमंत्री एक टीम की तरह मिलकर काम करते रहेंगे। मैंने मुख्यमंत्री को कल नाश्ते पर बुलाया है ताकि कर्नाटक से किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए हमारी मिलकर की जाने वाली कोशिशों पर बात की जा सके और उन्हें मजबूत किया जा सके।
Karnataka Deputy CM DK Shivakumar tweets, "Me and the CM continue to work together as a team. I have invited the CM for breakfast tomorrow to discuss and strengthen our collective efforts to deliver on our promises to Karnataka." pic.twitter.com/102QXawbtG
— ANI (@ANI) December 1, 2025
शनिवार को सीएम आवास पर दोनों नेताओं की हुई थी मुलाकात
कर्नाटक में बीते कई दिनों से सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच नेतृत्व परिवर्तन की खींचतान चल रही है। शनिवार को डीके शिवकुमार और सीएम सिद्धारमैया की सीएम आवास में नाश्ते पर मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने एकजुटता का संदेश दिया था और नेतृत्व परिवर्तन को लेकर किसी भी असमंजस की बात को खारिज कर दिया था। दोनों नेताओं ने कहा कि जो भी पार्टी आलाकमान तय करेगा, वे उसका पालन करेंगे।
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शिवकुमार बोले- ये मेरे और सीएम के बीच का मामला
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा, ‘शनिवार को शिवकुमार ने उनसे मंगलवार को नाश्ते पर घर आने को कहा था। मुझे अभी तक औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन अगर वे बुलाते हैं तो मैं जरूर जाऊंगा। मुझे लगता है कि वे मुझे आमंत्रित करेंगे।’ वहीं सीएम के बयान पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने सोमवार को कहा, ‘ये मेरे और मुख्यमंत्री के बीच का मामला है और हम दोनों भाई की तरह मिलकर काम कर रहे हैं। हम मीडिया के दबाव के चलते 29 नवंबर को मिले थे, लेकिन उसकी कोई जरूरत नहीं थी। आप गुटबाजी के दावे कर रहे हैं, लेकिन कोई गुटबाजी नहीं है। आप ही गुट बना रहे हैं।
क्यों शुरू हुई नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा?
2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद ही सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सीएम पद को लेकर रस्साकसी शुरू हो गई थी। दोनों सीएम पद पर अपनी दावेदारी जता रहे थे। बात इतनी बढ़ी कि दोनों नेताओं को पार्टी आलाकमान ने दिल्ली बुलाया। दिल्ली में समझौते के बाद तय हुआ कि सिद्धारमैया कर्नाटक सरकार की कमान संभालेंगे और शिवकुमार डिप्टी सीएम का पद संभालेंगे। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद संभालने का समझौता हुआ। हालांकि दोनों ही नेताओं और पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इस रोटेशन फार्मूले की बात को कभी स्वीकार नहीं किया। हालांकि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार दो खेमों में बंटी नजर आई। कई विधायकों और मंत्रियों ने सिद्धारमैया का समर्थन किया तो कई ने शिवकुमार के समर्थन में आवाज बुलंद की। अब जब नवंबर में सिद्धारमैया सीएम पद पर ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं तो एक बार फिर से नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा ने जोर पकड़ लिया।
सात-आठ वरिष्ठ विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री पद की दौड़ में: विजयेंद्र
भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के भीतर बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच राज्य की प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कम से कम सात से आठ वरिष्ठ विधायक और मंत्री राज्य में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर मुख्यमंत्री पद के लिए जारी अंदरूनी संघर्ष के बीच संकटग्रस्त किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।



