दरभंगा जिले में जीविका दीदियों के लिए भेजी गई 10 हजार रुपये की सरकारी सहायता राशि में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। चुनाव के समय सरकार की ओर से यह राशि महिलाओं के खातों में भेजी जानी थी, लेकिन जाले प्रखंड के कमतौल थाना क्षेत्र के अहियारी गांव के वार्ड नंबर तीन में तीन पुरुषों के खातों में भी यह रकम जमा हो गई।
राशि वापसी के लिए जारी हुआ नोटिस
इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद जाले प्रखंड जीविका के बीपीआईयू कार्यालय की ओर से परियोजना प्रबंधक देवदत्त झा के हस्ताक्षर से नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में संबंधित खाताधारकों को 10 हजार रुपये की राशि लौटाने का निर्देश दिया गया है। पत्र मिलने के बाद प्रभावित परिवारों में चिंता और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
दिहाड़ी मजदूरों की मजबूरी सामने आई
राशि जिन पुरुषों के खातों में पहुंची, उनमें नागेंद्र राम, बलराम सहनी और रामसागर कुमार शामिल हैं। तीनों पेशे से दिहाड़ी मजदूर हैं और अत्यंत गरीब तथा विकलांग बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने सरकार से किसी भी तरह की सहायता के लिए आवेदन नहीं किया था, फिर भी खाते में पैसे आ गए। अब खर्च हो चुकी राशि लौटाने की स्थिति में वे खुद को असमर्थ बता रहे हैं।
त्योहार और रोजगार में खर्च हो चुकी रकम
लाभुकों के अनुसार, खाते में आई राशि का उपयोग उन्होंने छठ और दीपावली जैसे त्योहारों में किया। कुछ रकम से बत्तख और बकरी खरीदकर रोजगार का सहारा लेने का प्रयास भी किया गया। अब विभाग की ओर से राशि लौटाने के निर्देश मिलने से परिवारों की परेशानी बढ़ गई है।
गरीबी और विकलांगता का हवाला
नागेंद्र राम ने बताया कि वह विकलांग हैं और महादलित परिवार से आते हैं। उनके पास न तो अपनी जमीन है और न ही पक्का मकान। वे सरकारी जमीन पर झोपड़ी बनाकर रहते हैं और मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। ऐसी स्थिति में इतनी बड़ी राशि लौटाना उनके लिए संभव नहीं है। उन्होंने सरकार से राशि माफ करने की अपील की है।
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परिजनों की भी सामने आई पीड़ा
नागेंद्र राम की मां रजिया देवी ने भी परिवार की आर्थिक हालत का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार की ओर से कोई आवेदन किए बिना पैसा खाते में आ गया। त्योहारों में खर्च हो चुकी राशि अब लौटाना उनके बस में नहीं है। उन्होंने सरकार से राहत की मांग की है।
अधिकारियों ने मानी भुगतान में गड़बड़ी
पूरे मामले पर जीविका विभाग के अधिकारियों ने कैमरे पर बयान देने से इनकार किया है। हालांकि, ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में अधिकारियों ने भुगतान प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात स्वीकार की है और बताया कि गलत तरीके से गई राशि की वसूली के लिए संबंधित लोगों को नोटिस भेजे गए हैं।
योजनाओं की प्रक्रिया पर उठे सवाल
इस प्रकरण ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और भुगतान प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर विभाग राशि की रिकवरी की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर गरीब और विकलांग खाताधारक इसे अपनी मजबूरी बताते हुए माफी की मांग कर रहे हैं। गांव में इसको लेकर नाराजगी और भ्रम की स्थिति बनी हुई है।



