चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार देर शाम मृतक पुलिस अधिकारी की ओर से लिखे गए सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी अधिनियम की कुछ धाराओं के आरोपों के साथ एक एफआईआर दर्ज की, जिसमें कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम थे, और विशेष रूप से हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया का कथित रूप से उत्पीड़न और बदनामी करने का आरोप लगाया गया था।
पूरन कुमार ने खुद को मार ली थी गोली
पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मार ली और तीन सुसाइड नोट छोड़े थे। चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार शाम एक संक्षिप्त बयान में कहा कि सुसाइड नोट में जिन पर आरोप लगाया गया था, उनके खिलाफ धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(1)(आर) पीओए (अत्याचार निवारण) एससी/एसटी अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। आगे की जांच जारी है।
चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखा खत
सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार की पत्नी अमनीत कुमार ने न्याय मिलने तक अपने पति के शव का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति देने से कथित तौर पर इनकार कर दिया है। शुक्रवार को चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखे अपने पत्र में अमनीत कुमार ने अपने पत्र का शीर्षक अधूरी प्राथमिकी प्रति और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की उचित धाराएं लगाने के संबंध में रखा है।
हरियाणा सरकार में आयुक्त एवं सचिव अमनीत ने लिखा कि “आपको सूचित किया जाता है कि आप स्वयं चंडीगढ़ सेक्टर 24 स्थित मेरे आवास पर नौ अक्टूबर, समय 22:22 बजे दर्ज एफआईआर की एक प्रति सौंपने आए थे। हालांकि, मुझे प्रदान की गई उक्त अहस्ताक्षरित एफआईआर प्रति में अधूरी जानकारी है।
