कैमूर जिले में लगातार दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। चंदौली और नौगढ़ के पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण कर्मनाशा नदी का जलस्तर रविवार को तेजी से बढ़ने लगा है। मूसा खाड़ बांध लबालब भर जाने के बाद कर्मनाशा सिस्टम में 35,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे लतीफ शाह बियर से ओवरफ्लो होकर पानी कर्मनाशा नदी में गिरने लगा और नदी उफान पर आ गई।
नदी का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों के सरैयां, खजुरा, धनसराय, ढंघर, कान्हपुर, करारी, नुआंव, मसौढ़ा और निपरान जैसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदी का पानी ग्रामीण इलाकों की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले महीने भी इसी तरह की स्थिति बनी थी जब कर्मनाशा नदी के उफान से दुर्गावती प्रखंड के कई इलाकों में बाढ़ आई थी। अब फिर वही हालात बनते दिखाई दे रहे हैं। कई परिवार अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।
लगातार बढ़ते जलस्तर से सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं। किसानों का कहना है कि रवि सीजन की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। खजुरा गांव के किसान अरुण कुमार सिंह ने बताया, “कर्मनाशा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे हमारी पूरी फसल बर्बाद हो गई है। पिछले तीन वर्षों से लगातार बाढ़ आ रही है, लेकिन अब तक हमें सरकार से मुआवजे की राशि नहीं मिली।”
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इसी तरह किसान मैनुद्दीन शाह ने भी कहा कि बाढ़ के पानी से पूरी फसल तबाह हो चुकी है और सरकार से राहत राशि की मांग की। वहीं किसान मुकेश सिंह ने बताया कि धान की कटाई से पहले ही खेतों में पानी घुस गया, जिससे पूरी फसल डूब गई। उन्होंने नाराजगी जताई कि न तो स्थानीय विधायक आए, न सांसद और न ही जिला प्रशासन ने अब तक हालात का जायजा लिया है।
मूसा खाड़ बांध के जेई हरीश मौर्या ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश से बांध पूरी तरह भर गया था। पानी का दबाव बढ़ने के कारण शनिवार को कर्मनाशा सिस्टम में 35,000 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जिससे नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा।
गौरतलब है कि एक माह पहले भी इसी नदी के उफान से दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बनी थी। अब दोबारा वही हालात पैदा हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते पुख्ता इंतजाम नहीं किए तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है।



