बिहार के सारण और मुजफ्फरपुर जिले की सीमावर्ती गंडक नदी में हो रहे लगातार कटाव ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी कटाव रोकने में कोई ठोस सफलता नहीं मिली है। खेत, बगीचे और आवासीय जमीन कटने से नदी किनारे बसे लोगों के बीच विस्थापन का खतरा बढ़ता जा रहा है।
हैजलपुर गांव में गंडक नदी का कटाव पिछले एक वर्ष से लगातार बढ़ रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि ग्रामीण हर दिन दहशत में जी रहे हैं। इसी समस्या को देखते हुए सारण के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने जल संसाधन विभाग को आवेदन देकर स्थायी समाधान की मांग की थी। शुक्रवार को जल संसाधन विभाग की एक उच्च स्तरीय टीम ने स्थानीय पंचायत के मुखिया अनिल सिंह की मौजूदगी में हैजलपुर पहुंचकर कटाव वाले क्षेत्र का निरीक्षण किया। टीम ने कटाव की वर्तमान स्थिति, ग्रामीणों को हो रही परेशानी और जोखिम का विस्तृत मूल्यांकन किया।
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निरीक्षण के दौरान अधीक्षण अभियंता अब्दुल हमीद ने बताया कि कटाव की रफ्तार कम करने के लिए फिलहाल मिट्टी का ओवर बॉडी कम किया जा रहा है और नदी किनारे बालू भरी बोरियां डाली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि “गांव को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए स्थायी समाधान का ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द विभाग को भेजा जाएगा।” टीम ने कटाव स्थल के विभिन्न बिंदुओं का तकनीकी सर्वे किया और आश्वासन दिया कि स्थायी निरोधात्मक कार्य को लेकर जल्द अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान अधीक्षण अभियंता एवं बाढ़ नियंत्रण समिति के अध्यक्ष महेश प्रसाद ठाकुर, अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार, मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार, कार्यपालक अभियंता रामबाबू राय, एसडीओ विनोद कुमार और कनीय अभियंता सोनू कुमार सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। जल संसाधन विभाग की इस पहल से ग्रामीणों ने संतोष जताया है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही कटाव की समस्या का स्थायी समाधान निकल सकेगा।



