केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को पटना स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 तक का राजद शासनकाल बिहार के इतिहास का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दौर था। उस 15 वर्षों की दुर्दशा के लिए लालू परिवार और राष्ट्रीय जनता दल सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
नित्यानंद राय ने कहा कि “राष्ट्रीय जनता दल का मतलब है-अपराध, नरसंहार, अपहरण, गुंडाराज और जंगलराज।” उन्होंने कहा कि पूरा बिहार जानता है कि 1990 से 2005 के बीच किस तरह से बिहार को लूट, हत्या, बलात्कार और अपहरण का अड्डा बना दिया गया था। उस दौर में रात ही नहीं, दिन में भी लोग घर से निकलने से डरते थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “राजद के शासनकाल में अपहरण एक उद्योग बन गया था, जिसके संचालक और संरक्षक लालू परिवार थे।” सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि इस अवधि में 32,000 से ज्यादा अपहरण की घटनाएं दर्ज हुईं। उन्होंने तेजस्वी यादव से सवाल किया, “क्या आप इस बात से इनकार कर सकते हैं कि मुख्यमंत्री आवास से अपहरण की डील नहीं होती थी? क्या यह सच नहीं कि अपहरणकर्ताओं को संरक्षण लालू परिवार से मिलता था और फिरौती के पैसे मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचते थे?”
नित्यानंद राय ने कहा कि 1990 से 2005 के दौरान 18,136 हत्याओं को अंजाम दिया गया। “उनमें से कई अपराधी आज राजद में विधायक, जिला अध्यक्ष और पार्टी के प्रमुख पदों पर हैं।” उन्होंने कहा कि “तेजस्वी यादव इन हत्यारों को जानते भी हैं और पहचानते भी हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में नरसंहार राज के प्रणेता लालू यादव और राजद हैं। 15 साल के शासनकाल में 59 बड़े जातीय नरसंहार हुए, जिनमें 600 से ज्यादा लोगों की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि “लालू यादव ने न तो कभी इन घटनाओं पर संवेदना जताई और न ही पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाया।”
नित्यानंद राय ने चुनौती दी-“अगर हिम्मत है तो तेजस्वी यादव स्वीकार करें कि आपकी सरकार के संरक्षण में नरसंहार होते रहे और सरकार मूकदर्शक बनी रही। बताइए कि इन मामलों में आपकी सरकार ने क्या कार्रवाई की?”
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उन्होंने कहा कि “राजद की शासन व्यवस्था का मतलब ही जंगलराज होता है।” पटना के कारोबारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “लालू यादव की बेटी की शादी से पहले और शादी के दिन, राजद के गुंडों ने दुकानों को दिनदहाड़े लूट लिया। शादी के बहाने दुकानदारों को तबाह कर दिया गया और लूटा गया सामान मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचा।”
उन्होंने तेजस्वी यादव से सवाल किया-“क्या पटना के उन कारोबारियों को अब तक मुआवजा मिलेगा जिनकी दुकानें लूट ली गई थीं? यह हाल केवल पटना का नहीं, बल्कि पूरे बिहार का था।”
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने आगे कहा कि “राजद का शासनकाल भ्रष्टाचार की गंगोत्री था। लालू-राबड़ी के घर से ही भ्रष्टाचार की धारा बहती थी।” उन्होंने कहा कि “चारा घोटाला, दूध घोटाला, नौकरी के बदले जमीन घोटाला, अलकतरा घोटाला, आईआरसीटीसी होटल घोटाला और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ‘चिड़ियाघर मिट्टी घोटाला’-यही राजद की असली पहचान है।”
नित्यानंद राय ने कहा कि “1990 से 2004 के बीच हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में 700 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई, जिनमें 50 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे।” उन्होंने कहा कि “लोकतंत्र के नाम पर लूटतंत्र स्थापित करने का काम राजद ने किया और बिहार की जनता ने अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकाई।”
महिलाओं की सुरक्षा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “1990-2005 का दौर महिलाओं के लिए भयावह था। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद थे कि आम महिलाओं से लेकर आईएएस अधिकारी की पत्नी तक के साथ रेप हुआ, लेकिन सत्ता ने अपराधियों को संरक्षण दिया।”
उन्होंने तेजस्वी यादव से सवाल किया-“क्या आप यह स्वीकार करेंगे कि आपके शासन में लूट, हत्या, बलात्कार, नरसंहार और अपहरण के लिए राजद की सरकार जिम्मेदार थी? क्या आप उन परिवारों से मिलेंगे जिन्होंने आपके शासनकाल की हिंसा में अपने प्रियजनों को खो दिया?” नित्यानंद राय ने कहा कि “अगर हिम्मत है तो तेजस्वी यादव जनता के सामने यह कहें कि हां, हमारी सरकार ने दुकानों को लूटवाया, जमीन और मकान पर कब्जा करवाया और बिहार को संकट में झोंक दिया।”
उन्होंने कहा कि “आज जब चुनाव नजदीक हैं तो तेजस्वी यादव बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, लेकिन जब बिहार के लोगों को लूटा जा रहा था, बेटियों की इज्जत लूटी जा रही थी, तब वे कहां थे? आज बिहार की जनता उनसे जवाब चाहती है कि उनकी सरकार ने बिहार के साथ ऐसा क्यों किया।” प्रेस वार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी एवं विधान पार्षद संजय मयुख, प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश बबलू, और प्रवक्ता सच्चिदानंद पीयूष उपस्थित रहे।



