राष्ट्रीय जनता तांत्रिक गठबंधन में सीट शेयरिंग के फार्मूले पर मंथन जारी है। एक ओर लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। वहीं दूसरी ओर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने ने भी अपनी चाहत बता दी है। उन्होंने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता के जरिए अपनी डिमांड रखी है। उन्होंने ने बुधवार को संकेत दिया कि भले ही उनकी पार्टी चाहती थी कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से आधी सीटों पर चुनाव लड़े, लेकिन एनडीए सहयोगियों से टकराव से बचने के लिए वह 15 सीटों पर समझौता करने को तैयार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए कही। उनकी पोस्ट प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कृति ‘रश्मिरथी’ की उस प्रसिद्ध पंक्ति से प्रेरित लग रही थी, जिसमें भगवान कृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले दुर्योधन को समझाने की कोशिश की थी। मांझी ने लिखा कि “हो न्याय अगर तो आधा दो” यानी अगर न्याय करना है तो आधा हिस्सा दो। “पर उसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां ‘ग्राम’ का अर्थ सीटों से है। मांझी ने आगे लिखा, “हम खुशी से खाएंगे, परिजन पे आसी न उठाएंगे” यानी हम इतनी सीटों से ही संतुष्ट रहेंगे और अपने सहयोगियों से संघर्ष नहीं करेंगे।
Source- Amar Ujala