शेखपुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में शेखपुरा सिविल कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव और वीआईपी पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) विभा रानी की अदालत ने सोमवार को सम्मन जारी किया है।
यह मामला दरभंगा में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान आयोजित जनसभा से जुड़ा है, जहां कथित रूप से प्रधानमंत्री मोदी की मां के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। भाजपा नेता रामानुज सिंह उर्फ हीरालाल सिंह ने इस घटना से आहत होकर 4 सितंबर को शेखपुरा सिविल कोर्ट में परिवाद दायर किया था। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि यह बयान न केवल अनुचित था, बल्कि इससे समाज में गलत संदेश गया।
इस मामले में कोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 223 के तहत सम्मन जारी किया है। शेखपुरा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता गोपाल वर्णवाल ने बताया कि नए प्रावधान के अनुसार, अब अभियुक्तों को अपराध का संज्ञान लेने से पहले अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाता है। पहले की दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत अपराध का संज्ञान लेने के बाद ही सम्मन जारी होता था, लेकिन अब प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
न्यायालय द्वारा निर्धारित अगली तिथि पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी को कोर्ट में उपस्थित होना होगा। उनकी मौजूदगी में परिवादी हीरा सिंह अपने आरोपों के समर्थन में शपथ पर गवाही देंगे। साथ ही, उन्हें अपने दावों के समर्थन में अन्य गवाहों और साक्ष्यों को प्रस्तुत करने का अवसर भी मिलेगा। गवाहों की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर अदालत आगे मामले में संज्ञान लेने का निर्णय करेगी।
