राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्षउपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा फैसला लेते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई समेत सभी प्रकोष्ठों और जिला इकाइयों को भंग कर दिया है।उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को पटना में आयोजित कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया है। इस बैठक की अध्यक्षता वह खुद कर रहे थे। इस संबंध में उनका कहना था कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखने और संगठन को नए सिरे से खड़ा करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी है।
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बेटे को मंत्री बनाने के बाद हुई बगावत
इस बात की चर्चा है किअपने बेटे को बिना चुनाव लड़ाए मंत्री बनाने के फैसले के बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा के भीतर मचे आंतरिक घमासान को शांत करने के लिए उपेंद्र कुशवाहा ने यह फैसला किया है। राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है किउपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे को बिना चुनाव लड़े मंत्री बना दिया जिससे पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भारी नाराज थे। नेताओं और कार्यकर्ता धीरे-धीरे इस बात का विरोध करने लगे। यहां तक कि पार्टी के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरे-धीरे खुद को पार्टी से किनारा करने लगे। उपेंद्र कुशवाहा को इस बात की जानकारी हुई कि पार्टी में प्रदेश से लेकर जिलों तक इस बात का विरोध हो रहा है, तब उन्होंनेप्रदेश, जिला और सभी प्रकोष्ठों की इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग किया।
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अब संचालन समिति चलाएगी पार्टी
प्रदेश से लेकर जिला तक सभी प्रकोष्ठों की इकाइयों कोभंग करने के बाद, उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के संचालन के लिएसंचालन समिति का गठन किया। यह समितिएक अस्थायी व्यवस्था होगी, जिसमें
पांच सदस्य होंगे।उन पांच सदस्यों मेंसुभाष चंद्रवंशी, प्रशांत पंकज, हिमांशु पटेल और आर. के. सिन्हा शामिल होंगे। वहींमदन चौधरी को इस महत्वपूर्ण समिति का संयोजक बनाया गया है।
