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Bihar Election: महागठबंधन और NDA के तरकश में कितने तीर? इन पांच मुद्दों पर ही बिहार का चुनाव लड़ रहे दोनों गुट

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Bihar Election: महागठबंधन और NDA के तरकश में कितने तीर? इन पांच मुद्दों पर ही बिहार का चुनाव लड़ रहे दोनों गुट

बिहार विधानसभा चुनाव में वोटरों को अपने-अपने पक्ष में लुभाने के लिए सत्ता पक्ष यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और महागठबंधन के दल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सभी पार्टियों के नेता लोक लुभावन वादों की बौछार कर रहे हैं। जनता के बीच पक्ष-विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर हमला बोलने पर कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। लेकिन, यह पांच मुद्दे ऐसे हैं जिनका जिक्र सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों कर रहा है।

यह पांच मुद्दें हैं, फ्री बीज (बिजली, अनाज, इलाज) रोजगार, पलायन, अपराध और भ्रष्टाचार। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत एनडीए के सभी वरिष्ठ मंत्री और नेता अपने भाषण में इन्हीं पांच मुद्दों के इर्द-गिर्द बातें करते हैं और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अपना संबोधन इन्हीं पांच मुद्दों के इर्द-गिर्द करते हैं। आइए जानते हैं इन पांच मुद्दों के बारे में…

1. अनाज, बिजली और इलाज सब मुफ्त

बिहार चुनाव में इस बार फ्री बीज का मुद्दा सबसे ज्यादा उछाला जा रहा है। एक ओर एनडीए मुफ्त बिजली, इलाज, और अनाज के मुद्दा बना रहे हैं। वहीं, तेजस्वी यादव चुनाव में जीत के बाद मुफ्त बिजली के यूनिट बढ़ाने और हर महिला को फ्री में 2500 रुपये देने की घोषणा कर चुके हैं। आइए जानते एनडीए ने क्या दिया क्या? और इंडिया गठबंधन ने क्या घोषणाएं की…

बिहार के 2.06 करोड़ परिवार को मुफ्त अनाज

पीएम नरेंद्र मोदी जब भी बिहार में जनसभा को संबोधित करते हैं, तब वह गरीबों को मिलने वाले पांच किलो मुफ्त अनाज और पांच लाख तक का मुफ्त इलाज की बात जरूर करते हैं। उनका कहना हैं एनडीए सरकार ने बिहार के 2.06 करोड़ परिवार को राशन कार्ड के जरिए मुफ्त अनाज दे रहे हैं। इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि राज्य के 1.86 करोड़ परिवारों को एनडीए सरकार 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ दे रहे हैं। इतना ही उद्योग लगाने के लिए मुफ्त में जमीन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

इधर, मुफ्त रेवड़ियों के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव का कहना है कि मुफ्त बिजली वाला आइडिया उनका था लेकिन नीतीश सरकार ने उनकी नकल कर ली है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार मिली तो राज्यवासियों को 125 यूनिट के जगह 200 यूनिट फ्री बिजली का लाभ देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य का हाल इतना खराब है कि लोग एनडीए सरकार की आयुष्मान योजना तक का लाभ ठीक से नहीं उठा पा रहे हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल में काफी अधिक फीस वसूले जा रहे हैं लेकिन उनकी सरकार बनी तो स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीर बदल देंगे। बिहार के लोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा माई-बहिन मान योजना के तहत हर महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा।

2. रोजगार

2020 के चुनाव के तरह इस चुनाव में भी रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। दोनों दलों का फोकस युवाओं पर है। 2020 से 2025 के बीच युवाओं को रोजगार के कई अवसर मिले। महागठबंधन की सरकार ने भी रोजगार और नौकरियां बांटी। वहीं एनडीए सरकार ने भी ऐसा ही किया। आइए जानते एनडीए ने क्या दिया क्या? और इंडिया गठबंधन ने क्या घोषणाएं की…

एनडीए सरकार ने कहा है कि पिछले अब तक 10 लाख नौकरी और 40 रोजगार बिहार के युवाओं को उपलब्ध करवाए गए हैं। सीएम नीतीश कुमार ने दावा किया है कि आने वाले पांच साल में बिहार के युवाओं को एक करोड़ नौकरी और रोजगार उपलब्ध करवाएंगे। अब तक शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिसिंग समेत कई क्षेत्रों में नौकरी दी गई। इसके अलावा मेडल लाने वाले खिलाड़ियों, शिक्षक भर्ती परीक्षा, बिहार सिपाही, बिहार दरोगा अभ्यर्थियों को भी नौकरियां दी गईं।

वहीं, तेजस्वी यादव ने इस मुद्दों को भी नकल बताया है। कहा कि हमने महागठबंधन सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में ही करीब पांच लाख नौकरी दे दी थी। नीतीश सरकार मेरी योजनाओं का नकल कर रही है। अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो बिहार में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक नहीं होगा। एनडीए सरकार ने अब तक जितना रोजगार दिया है, उससे दोगुना रोजगार इंडिया गठबंधन की सरकार देगी। तेजस्वी यादव ने एक करोड़ सरकारी नौकरियों का वादा किया है।

3.अपराध

पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार समेत एनडीए के सभी नेता अपने हर भाषणों में एक कॉमन सवाल बिहार की जनता से यह जरूर पूछते हैं कि 2005 से पहले यानी लालू-राबड़ी राज में क्या हाल था? कोई शाम के बाद घर से नहीं निकलता था। अपराध चरण पर था। अब लोग 12 बजे रात को भी आराम से घर से निकलती हैं। लोग आज भी जंगलराज को याद करके दहशत में आ जाते हैं। 2005 से पहले माताएं-बहनें दहशत में रहती थीं।

वहीं, तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि एनडीए सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही हैं। तेजस्वी ने दावा किया है कि सीएम नीतीश कुमार 65,000 से अधिक हत्याएं नीतीश सरकार के कार्यकाल में हुईं। बिहार में हर दिन करीब दो सौ राउंड गोलियां चलती हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि बिहार हत्या के मामले में देश के शीर्ष राज्यों में एक है। वहीं साइबर और आर्थिक अपराध भी बढ़े हैं। अपराधी खुले आम वारदात को अंजाम दे रहे हैं। चर्चित गोपाल खेमका की हत्या भी एनडीए सरकार के कार्यकाल में ही हुई थी। बिहार में चुनाव से पहले दलित डीएम के हत्यारे को कानून बदलकर जेल से बाहर निकाला जाता है। बाढ़ मोकामा में गोली चलाने वाले को बार बार कमजोर वकील खड़ा कर छोड़ दिया जाता है।

4. पलायन

पलायन के मुद्दे पर एनडीए और इंडिया एक-दूसरे को घेरते रहा है। चुनाव से पहले एनडीए ने अब तक जितनी भी जनसभा की हैं, उनमें दावा किया है कि बिहार के लोग अब पलायन नहीं कर रहे हैं। वहीं इंडिया गठबंधन का दावा है कि पिछले 20 साल में सबसे ज्यादा पलायन हुआ। जनता भ्रष्टचार और बेरोजगारी से तंग आ गई है। आइए जानते हैं कि एनडीए ने क्या उपाय किया? और इंडिया गठबंधन ने क्या वादे किए?

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने आरोप लगाया था कि लालू-राबड़ी शासनकाल में बिहार में सबसे अधिक पलायन हुए। पीएम मोदी ने भी अपनी सभाओं में लालू पर बिहार के युवाओं के भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाया था। कहा था कि एनडीए सरकार में बिहार के युवा बाहर नहीं जा रहे हैं। उन्हें यहां नौकरी मिल रही। रोजगार के अवसर मिल रहे। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार करने के लिए मदद कर रही है। इसके लिए कई योजना चलाए जा रहे हैं। आने वाले पांच साल में एक करोड़ नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने “पलायन रोकें, नौकरी दें” यात्रा के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया है कि बिहार में रोजगार अवसर न होने के कारण पलायन बढ़ रहा है। तेजस्वी यादव, ने दावा किया है कि बिहार से करीब तीन करोड़ लोग प्रतिवर्ष पलायन करते हैं और कुछ अनुमानों में यह संख्या पांच करोड़ तक भी बताई जाती है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो युवाओं का पलायन नहीं होगा। उन्हें अपने ही राज्य में इतना पैसा मिल जाएगा कि बाहर जाने की जरूरत ही न पड़े।

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5. भ्रष्टाचार

बिहार चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी एनडीए और इंडिया के तरकश के प्रमुख तीरों में से एक है। एनडीए के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के मामले पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। महागठबंधन के साथ जब वह थे तो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही वह अलग हुए थे और एनडीए में जा मिले थे। हालांकि, हाल के दिनों में एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री जीवेश मिश्रा और मंत्री अशोक चौधरी समेत कई प्रमुख नेताओं को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरा है।

तेजस्वी यादव तो पिछले कई महीनों से सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। वह पुल, सड़क, स्वास्थ्य समेत कई मुद्दों पर सरकार को लगातार घेरते रहते थे। इतना ही नहीं उन्होंने हाल में ही कुछ अधिकारियों के ठिकानों से काला धन मिलने का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि जिन भ्रष्ट अधिकारियों के यहां हाल-फिलहाल छापेमारी हुई है, उनके विरुद्ध सीबीआई जांच की अनुशंसा क्यों नहीं हो रही?

Source- Amar Ujala

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