BLN- विधानसभा में कल कि घटना का ज़िक्र करते हुए बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी ने एक ट्वीट किया है , जिसमे उन्होने लिखा है कि विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा, सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीक़े से बदसलूकी की गयी और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे। सत्ता आनी-जानी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा।
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आपको बता दे कि कल राजद द्वारा बिहार विशेष सश्स्त्र पुलिस विधेयक 2021 के विरोध मे विधानसभा को घेरने के लिए एक रैली निकाली गई थी जिसपर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया जिसमे राजद के कई कार्यकर्ता और नेताओं को गंभीर चोटें आई थी । हालांकि प्रशाशन कि माने तो उनके अनुसार भीड़ बेकाबू होकर हुड़दंगई कर रही थी जिसके कारण प्रशाशन को मजबूरन लाठी चार्ज करना पड़ा ।
विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा।सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीक़े से बदसलूकी की गयी और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे।
सत्ता आनी-जानी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा pic.twitter.com/kbl9L4K5Z6
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) March 24, 2021
विधानसभा मे कल क्या हुआ
जब विशेष स्शस्त्र पुलिस विधेयक विधानसभा मे सदन से पारित करवाने के लिए लाया गया तो विपक्ष के विधायक उग्र हो गए , विधायकों ने जब विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष का घेराव करने का प्रयाश किया तो विधानसभा कि सुरक्षा मे शामिल पुलिस बल और विधायकों के बीच संघर्ष कि स्थिति उत्पन्न हो गई , इसी बीच विपक्षी विधायकों को घसीटा और पीटा गया जैसा कि विपक्षी विधायकों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है। कुछ फ़ोटोज़ और विडियोज में भी इन विपक्षी विधायकों के बातों कि पुष्टि होती हुई दिखती है ।
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पर नीतीश कुमार ने क्या कहा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 के विषय मे सदन मे बोलते हुए कहा कि इस विधेयक के बारे में गलतफहमियाँ फैलाई जा रही है । इस विधेयक का विरोध वही कर रहे हैं जिनहोने इसे अब तक ढंग से पढ़ा भी नहीं है । बीएमपी का नाम अब तक बिहार मिलिट्री पुलिस हुआ करता था, चुकी यह नाम अंग्रेजों के द्वारा ही दिया गया था जो कि आजतक चला आ रहा है , लेकिन आज कि परिस्थितियों मे यह नाम उपयोगी नहीं है ।
पुलिस का जो काम है, वही वह करेगी। गलत करने वाले पुलिस को सजा देने का जिक्र भी इस विधेयक में है। अपराध नियंत्रण के लिए यह विधेयक लाया गया है। बोधगया सुरक्षा के लिए भी हमने बीएमपी बहाल किया। कोई सुरक्षा के लिए गया है और वहां अगर कोई गोली चलाएगा तो पुलिस कोर्ट की अनुमति का इंतजार करेगी या अपराधी को गिरफ्तार कर थाना के हवाले करेगी। किसी को काम सौंपेंगे तो अधिकार तो देंगे ही। आश्चर्य है कि इसके बारे में गलतफहमी पैदा की गई। आखिर किसने समझाया। बोधगया में महोबोधि मंदिर के पास कैसी घटना 2013 में घटी थी। किस तरह से वह बचा था। हमलोग तुरंत सुबह में जाकर एक-एक चीज को देखे। उसके बाद वहां की सुरक्षा के लिए बीएमपी को लगाया गया। दरभंगा एयरपोर्ट पर इन्हें कार्य सौंपा गया है।