ललन सिंह की वरयिता को दरकिनार कर आर.सी.पी सिंह बने केंद्रीय मंत्री।

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BLN: आज अंततः केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और कई पुराने मंत्रियों का टिकट कट गया वहीं कई नए चेहरे भी मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बने। बिहार से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का सौभाग्य आर.सी.पी सिंह और पशुपति कुमार पारस को प्राप्त हुआ।

अनुमानों के वीपरीत जब जेडीयू नेता ललन सिंह मंत्री नहीं बनाए गए तो बिहार के खबरिया गली में चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया। नीतीश कुमार के इस फैसले ने एक बार फिर सबको चौका दिया।  

आपने अब तक सुना होगा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, संभावनाओं के साथ साथ अनुभव, वरयिता और परिश्रम को भी तरजीह अब तक राजनीति में मिलती रही है, लेकिन नीतीश कुमार ने सब कुछ दरकिनार करके राजनीति को एक नए हीं मुकाम पर पहुंचा दिया है।

नीतीश कुमार के दौर में बिहार की राजनीति उस मुकाम पर पहुँच गई है जहां स्वजाति से ऊपर कुछ नहीं होता है ऐसा आरोप उनपर विपक्ष द्वारा लगाया जा रहा है। याद कीजिये 2019 का वह समय जब JDU को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए 1 मंत्री पद दिया जा रहा था और नीतीश  कुमार ने यह फैसला किया था कि JDU केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनेगी।

मीडिया रीपोर्टों के हवाले से नितीश कुमार के इस फैसले के पीछे कारण यह बताया गया कि जेडीयू के दो वरिष्ठ नेता मुंगेर से वर्तमान सांसद ललन सिंह और राज्यसभा सांसद आर.सी.पी सिंह दोनों में से किसी एक को मंत्री पद के लिए चुनना मुख्यमंत्री नितीश कुमार के लिए आसान नहीं था इसलिए जेडीयू ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर हीं रहने का फैसला किया।

2019 से 2021 के बीच ऐसा क्या बदल गया की नीतीश कुमार को भाजपा द्वारा दिया गया केवल 1 मंत्रिपद भी स्वीकार हो गया और पार्टी और संघटन के लिए वर्षों से काम करने वाले JDU के वरिष्ठ और अनुभवी नेता ललन सिंह उर्फ राजीव रंजन सिंह एक झटके में पार्टी में नए आए R.C.P Singh के मुक़ाबले बेगाने हो गए?  

आज दोपहर से पहले यह तय माना जा रहा था कि यदि JDU मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होगी तो ललन सिंह JDU कोटे से तो मंत्री बनेंगे हीं बनेंगे, लेकिन नीतीश कुमार ने आज अपने पुराने साथी और JDU के कद्दावर नेता ललन सिंह को यह संदेश दे दिया कि पार्टी में आप कितने भी सीनीयर हों, योग्य हों लेकिन यदि आप नीतीश कुमार के स्वजातीय नहीं है तो आप उनका भरोसा कभी नहीं जीत पाएंगे।

संभव है कि नीतीश कुमार ऐसा नहीं सोचते हों लेकिन ललन सिंह के बजाए R.C.P Singh के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से बिहार की जनता के बीच तो यही संदेश गया।

अगर आपको याद हो तो नीतीश कुमार ने कल हीं पत्रकारों से बात करते हुए यह कहा था कि JDU कोटे से कौन मंत्री बनेगा या नहीं बनेगा यह तय करना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का काम है। JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.सी.पी सिंह हैं और उन्होंने स्वं हीं स्वं को मंत्री बनाने का फैसला कर लिया अब भला इसमें नीतीश कुमार क्या कर सकते हैं?

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